नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र को घेरा है। रेवड़ी कल्चर पर पीएम मोदी के तंज पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आम जनता से खाने पर भी टैक्स लिया जा रहा है और वहीं बड़े उद्योगपतियों का 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है। केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जनता को मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर सरकारें फ्री में सुविधाएं देंगी तो कंगाल हो जाएंगी। क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ज्यादा खराब तो नहीं हो गई है?
सीएम केजरीवाल ने अग्निवीर योजना पर भी सवाल खड़े किए। सीएम ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार अग्निवीर योजना लाई। इसके पीछे तर्क दिया कि पेंशन का बोझ खत्म होगा। आखिर ऐसा क्या हो गया कि केंद्र सरकार सैनिकों की पेंशन देने में असमर्थ है। दिल्ली सीएम बोले कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई सरकार ऐसा कह रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 8वां वेतन आयोग लाने से भी मना किया है।
सीएम अरविंद ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए पैसा नहीं होने की बात कही है और इस साल इसमें 25% की कटौती हुई है। केरजरीवाल ने कहा कि देश के सबसे गरीब, किसान और मजदूर जो साल में सौ दिन दिहाड़ी करते थे, उसमें भी सरकार ने कटौती कर दी है। केंद्र सरकार जितना भी टैक्स एकत्र करती है, उसमें से एक हिस्सा राज्य सरकारों को देती है। अब इसमें भी कटौती कर दी गई है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमीरों का 10 लाख करोड़ रुपए का कर्जा और 5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स माफ करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने अपने सुपर अमीर दोस्तों के लाखों करोड़ के कर्ज को माफ कर दिया।
उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ का बजट होता था, आज 40 लाख करोड़ का बजट है तो केंद्र सरकार का सारा पैसा गया कहां? इन्होंने अपने दोस्तों, अरबपति लोगों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ कर दिए। यदि ये कर्जे माफ नहीं किए जाते तो इनको खाने-पीने की चीजों पर टैक्स लगाने की जरूरत नहीं होती। आज इनके पास पेंशन बंद करने की जरूरत नहीं होती।