बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जमकर विवाद हो रहा है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से फिर कहा है कि वह बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान मतदाताओं की पहचान साबित करने के लिए आधार कार्ड और मतदाता फोटो पहचान पत्र को स्वीकार्य दस्तावेजों में शामिल करने पर विचार करे।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले के पक्षकारों से कहा है कि वे इस मामले में बहस करने के लिए कितना समय लेंगे, यह तय करें और कल सुनवाई की अगली तारीख की जानकारी दी जाएगी।
जल्द फिर होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मामले को लेकर आज विस्तृत सुनवाई नहीं की क्योंकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत को मुख्य न्यायाधीश के साथ एक बैठक में हिस्सा लेना था। हालांकि याचिकाकर्ताओं आश्वासन दिया है कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई होगी।
Supreme Court again asks Election Commission to consider including Aadhaar card and electoral photo identity card as admissible documents to prove identity of voters during Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls being undertaken in Bihar.
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— ANI (@ANI) July 28, 2025
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण के लिए नागरिकों के बस 11 दस्तावेजों की आवश्यकता होती है और वे हैं। किसी नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र/पेंशन भुगतान आदेश, 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, ओबीसी/एससी/एसटी या कोई भी जाति प्रमाण पत्र, नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर, परिवार रजिस्टर, सरकार द्वारा कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र।
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हालांकि इसमें आधार कार्ड शामिल ना किए जाने पर विपक्षों दलों ने सवाल उठाया था, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।