सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है। सुरेंद्र कोली 2006 से जेल में बंद था। वह खुद ही केस की पैरवी कर रहा था। बता दें कि इस केस के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को 2023 में रिहा कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को भी बरी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से CBI को बड़ा झटका लगा है। CBI ने अपनी जांच में सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उन सभी दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सुरेंद्र कोली को आरोपी बताया था। अब माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से निठारी कांड का चैप्टर हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। बताया जाता है कि इस केस में आरोपी सुरेंद्र कोली ने खुद ही अपनी पैरवी की थी। उसने कोर्ट में सीबीआई की जांच पर ही सवाल उठाए थे। जिसके बाद कोर्ट ने सुरेंद्र कोली के सवालों पर सीबीआई से जवाब मांगा। बताया जाता है कि सीबीआई इन सवालों के जवाब देने में नाकाम रही। जिसके बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उसे बरी कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस विनोद चंद्रन की तीन सदस्यीय पीठ ने सुरेंद्र कोली के मामले सुनवाई की है। इस पीठ ने ही बुधवार को सुनवाई करते हुए सीबीआई की अपीलों को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के बरी करने के फैसले को बरकरार रखा। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से पहले हाई कोर्ट ने भी सीबीआई की दलीलों को खारिज करते हुए सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर कर दिया था। इसके बाद पंढेर को रिहा कर दिया गया था, जबकि सुरेंद्र जेल में ही रहा। सीबीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन यहां से भी CBI को झटका लगा है।
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सुरेंद्र कोली और मोनिंदर को पहले मिली मौत की सजा
बता दें कि 16 अक्टूबर, 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों को कई मामलों में बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में और मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में सुनाई गई मौत की सजा रद्द कर दी। यह फैसला गाजियाबाद की CBI अदालत के उस फैसले को पलटते हुए दिया गया, जिसमें निठारी कांड में दोनों को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी।