---विज्ञापन---

देश

5140 करोड़ खर्च, 14 दिन, 7 रिसर्च, 4 एस्ट्रोनॉट…जानें क्या है नासा का Axiom Mission 4?

स्पेस मिशन Axiom 4 लॉन्च होने को तैयार है। 14 दिवसीय इस स्पेस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी शामिल है। 14 दिवसीय यह मिशन प्राइवेट स्पेस मिशन फ्लाइट होगी। आइए इस मिशन के बारे विस्तार से जानते हैं...

Author Edited By : Khushbu Goyal Apr 19, 2025 13:34
ISRO NASA Space Mission Axiom 4

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का स्पेस मिशन Axiom Mission 4 (Ax-4) लॉन्च होने के लिए तैयार है। मिशन पर 5140 करोड़ (60 मिलियन डॉलर) खर्च होंगे। 14 दिवसीय मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉक करेगा और स्पेस स्टेशन में रहकर 4 एस्ट्रोनॉट 7 रिसर्च करेंगे।

यह भी पढ़ें:शुभांशु शुक्ला ISS के लिए कब भरेंगे उड़ान? राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय

---विज्ञापन---

एक्सिओम का चौथा मिशन

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, Axiom-4 प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन कहलाएगा। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom स्पेस ने अमेरिका की ही स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर यह मिशन तैयार किया है। कंपनी का यह चौथा मिशन है। पहला मिशन 17 दिन का था, जो दिवसीय मिशन एक्सिओम 1 अप्रैल 2022 को लॉन्च हुआ था। दूसरा मिशन 8 दिन का था और 4 एस्ट्रोनॉट के साथ यह मिशन 2 मई 2023 को लॉन्च हुआ था। तीसरा मिशन 18 दिन का था, जिसे 3 जनवरी 2024 को लॉन्च किया गया था। चौथा मिशन 14 दिन का होगा और इसे मई 2025 में लॉन्च करने की तैयारी है।

यह भी पढ़ें:खतरनाक सौर तूफान, 430000 मील रफ्तार…अंतरिक्ष में नासा के स्पेसक्राफ्ट का गजब का कारनामा

---विज्ञापन---

ड्रैगन कैप्सूल में जाएंगे अंतरिक्ष

Axiom-4 मिशन को एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी के ड्रैगन कैप्सूल में लॉन्च किया जाएगा। फाल्कन-9 रॉकेट से ड्रैगन कैप्सूल में फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से मिशन लॉन्च होगा।

मिशन पर जाएंगे ये 4 एस्ट्रोनॉट

शुभांशु शुक्ला- भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन मिशन के पायलट होंगे। पहली बार अंतरिक्ष में जा रहे हैं। अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री होंगे।

स्लावोज उज़्नान्स्की- पौलैंड के एस्ट्रोनॉट हैं, जो मिशन के स्पेशलिस्ट होंगे। वर्ष 1978 के बाद स्पेस में जाने वाले पोलैंड के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं।

यह भी पढ़ें:पृथ्वी-ब्रह्मांड के अंत की कहीं ये शुरुआत तो नहीं! पढ़ें वैज्ञानिकों की नई रिसर्च

टिबोर कापू- हंगरी के एस्ट्रोनॉट हैं, जो मिशन के स्पेशलिस्ट होंगे। वर्ष 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले हंगरी के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं।

पैगी व्हिटसन- अमेरिका की अंतरिक्ष यात्री हैं, जो मिशन की कमांडर होंगी। Axiom-4 मिशन पैगी का दूसरा कॉमर्शियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है।

मिशन का मकसद

Axiom-4 मिशन का मेन मकसद अंतरिक्ष में कमर्शियल स्पेस स्टेशन (Axiom Station) बनाने की संभावनाएं तलाशना है। माइक्रोग्रैविटी में साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट करना। टेक्नोलॉजी टेस्टिंग, एजुकेशनल एक्टिविटीज के जरिए लोगों को अंतरिक्ष की दुनिया के बारे में बताना और विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को कमर्शियल स्पेस मिशन के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना भी इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र एक विशालकाय अंतरिक्ष यान है, जो पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है। स्टेशन के अंदर एस्ट्रोनॉट रहते हैं। माइक्रो ग्रैविटी में रहकर रिसर्च करते हैं। इसकी स्पीड 28000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। 90 मिनट में यह स्पेसक्राफ्ट धरती का एक चक्कर लगा लेता है। 5 स्पेस एजेसियों ने मिलकर इस स्पेसक्राफ्ट को बनाया और नवंबर 1998 में लॉन्च करके अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था।

यह भी पढ़ें:चांद पर मिला दुर्लभ ‘खजाना’! चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के डेटा की रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Apr 19, 2025 01:34 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें