Sharad Pawar Party Name: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने शरद पवार की पार्टी को नया नाम दे दिया है। शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार के नाम से जानी जाएगी। राज्यसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने शरद पवार की पार्टी से तीन नाम मांगे थे। जिसमें से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरदचंद्र पवार फाइनल हुआ है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और सिंबल दे दिया था। ऐसे में शरद पवार की पार्टी की पहचान पर सवाल खड़ा हो गया था। अब राज्यसभा चुनाव के लिए शरद पवार की पार्टी इस नाम का इस्तेमाल कर सकेगी।
पार्टी सिंबल के लिए 3 नाम
सूत्रों के अनुसार, पार्टी सिंबल के लिए शरद पवार की ओर से तीन सिंबल दिए गए हैं। उनमें वटवृक्ष, उगता हुआ सूरज और कप-प्लेट शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो शरद पवार की पार्टी को चुनाव आयोग की ओर से वटवृक्ष का सिंबल दिया जा सकता है।
Sharad Pawar gets a new name for his faction: "Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar"
---विज्ञापन---Yesterday, Election Commission granted Ajit Pawar the NCP name and symbol. pic.twitter.com/i2zRxkyhyz
— ANI (@ANI) February 7, 2024
शरद पवार की ओर से भेजे गए थे तीन नाम
पार्टी का नाम और सिंबल छिनने के बाद शरद पवार की पार्टी नए नाम की तलाश में थे। जानकारी के अनुसार, बुधवार को शरद पवार की पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को तीन नाम भेजे गए। केंद्रीय चुनाव आयोग को शरद पवार की पार्टी की ओर से भेजे गए इन नामों में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी- एस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद पवार और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार शामिल थे। अब तीसरे नाम नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार पर मुहर लगाई गई है।
#WATCH | Nagpur: On Ajit Pawar getting the NCP name and symbol, Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis says, "This was an expected decision. If we look at the kind of decisions given by the Election Commission at different times in the last 10-15 years in such matters, then… pic.twitter.com/8hZkN7bjGe
— ANI (@ANI) February 6, 2024
अजित पवार गुट ही असली एनसीपी
बता दें कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को चुनाव आयोग ने झटका दिया था। मंगलवार को अजित पवार गुट को ही असली NCP घोषित किया गया था। ऐसे में अब शरद पवार को पार्टी का नया नाम और नया सिंबल लेना होगा। कहा जा रहा है कि अजित पवार गुट ने एनसीपी मुख्यालय पर भी दावा करने की तैयारी की है।
#WATCH | On Ajit Pawar getting the NCP name and symbol, Maharashtra CM Eknath Shinde says, "In a democracy, majority is important. Today, the majority is with Ajit Pawar. So, Election Commission took this decision on merit. Majority has been proven once again in democracy. This… pic.twitter.com/9ALw7jmy3n
— ANI (@ANI) February 6, 2024
24 साल पहले हुई थी स्थापना
इससे पहले शिवसेना में टूट के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली पार्टी को ही असली शिवसेना करार दिया गया था। अब उद्धव ठाकरे की पार्टी का नाम शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) है। उन्हें मशाल चुनाव चिह्न दिया गया है।
"जो शिवसेना के साथ उन्होंने किया वही हमारे साथ किया…"
◆ अजीत पवार के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा#AjitPawar | Ajit Pawar | @supriya_sule pic.twitter.com/8wkRcASBry
— News24 (@news24tvchannel) February 6, 2024
आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना करीब 24 साल पहले 10 जून 1999 को हुई थी। इसकी स्थापना शरद पवार, तारिक अनवर और पी ए संगमा ने की थी। इसका चुनाव चिह्न घड़ी है।
क्या है नियम?
किसी भी पार्टी और उसके सिंबल पर दावा करने के लिए दो तिहाई विधायकों का समर्थन चाहिए होता है। यदि किसी पार्टी के नेता को ये समर्थन मिल जाता है तो चुनाव आयोग उसे पार्टी और सिंबल दे देता है। फिर कमजोर समर्थन वाले नेता को अपनी पार्टी के नए नाम और सिंबल के लिए चुनाव आयोग में आवेदन करना होता है। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव से पहले शरद पवार से तीन नाम मांगे थे।
"घर का भेदी लंका ढाए…हम अभी भी अजीत पवार को दोषी मानते हैं…"
◆ NCP-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा#AjitPawar | #SharadPawar | @Awhadspeaks pic.twitter.com/LH4Q9Vdgkn
— News24 (@news24tvchannel) February 6, 2024
बता दें कि शरद पवार का राजनीतिक करियर 55 साल का है। हालांकि शरद पवार चाहें तो चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्यसभा और लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार का गुट कानूनी सलाह ले रहा है।
बताते चलें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की थी। वे 40 विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए थे। गठबंधन की सरकार में उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। एनसीपी के 81 सांसद और विधायकों में से अजित पवार के पास 57 का समर्थन है।
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