प्रियंका गांधी ने संसद में अपनी पहली स्पीच का समापन सत्यमेव जयते कहकर किया। इससे पहले आखिर में वे बोलीं कि देश फिर उठेगा, हक के लिए लड़ेगा और न्याय मांगेगा...सत्यमेव जयते। प्रियंका ने कहा कि आज देशवासी जब अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उन्हें हिम्मत संविधान से ही मिलती है।
संसद में संविधान पर चर्चा का लाइव वीडियो…
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज भाजपा सिर्फ डराने काम काम करती। जनता को सच बोलने पर डराया जाता रहा है। ईडी, सीबीआई के जरिए फर्जी मुकदमें कराए जाते हैं। कांग्रेस नेताओं को सताया जाता है, जेल में डाला जाता है, लेकिन जनता आवाज उठाने से पीछे नहीं हटती। आलोचना और विरोध प्रदर्शन किए। जवाब और न्याय मांगा। यह हिम्मत संविधान ने दी है। अभिव्यक्ति की आजादी संविधान ने दी है।
प्रियंंका गांधी ने अपनी स्पीच में अडानी पर भी निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि भाजपा सरकार अडानी के मुनाफे से चल रही है। अडानी को भाजपा सरकार ने कोल्ड स्टोरेज दे दिए। एक व्यक्ति के लिए 142 करोड़ देशवासी इग्नोर किए जा रहे। बिजनेस, संसाधन, पैसा-फंड, बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे प्रोजेक्ट, कारखाने, खदानें, सरकारी कंपनियां अडानी को दी जा रहीं। इसलिए आज तक जो गरीब है, वो गरीब ही है और गरीब हो रहा है। जो अमीर है, वो अमीर ही है और और अमीर हो रहा है।
प्रियंका गांधी बोलीं कि कांग्रेस राज में देश का विकास हुआ है। कांग्रेस की सरकारों ने लोगों को शिक्षा और भोजन का अधिकार दिया है। इंदिरा गांधी ने बैंकों, खदानों का राष्ट्रीयकरण कराया। पहले संसद बैठती थी तो लोग सोचते थे कि महंगाई और बेरोजगारी पर कोई फैसला आएगा। नई नीति बनेगी, आज सिर्फ बहस और बयानबाजी होती है। कोई कानून बदला जाता है तो लोगों के भले के लिए होता है, लेकिन भाजपा को मिर्ची लगती, क्योंकि भाजपा को यह भला करने का मौका नहीं मिलता।
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज ने राजा भेष बदलते रहते हैं, लेकिन जनता के बीच जाने से डरते हैं। वे अपनी आलोचना नहीं सुन सकते। भाजपा ने डर का माहौल बनाया, ऐसा माहौल अंग्रेजों के राज में था, लेकिन देश ज्यादा समय तक कायरों के हाथों में नहीं रहा। देश किसान, जवान और मजदूर से बना है, डर से नहीं। लोगों को आत्मविश्वास संविधान ने दिया। देश डर से नहीं हिम्मत से चलेगा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 1921 में पंडित नेहरू ने क्या किया, यह छोड़िए, वर्तमान की बात करिए और बताइए कि भाजपा ने क्या किया? क्या कर रही और क्या जिम्मेदारी है? नारी शक्ति अधिनियम लागू क्यों नहीं करती भाजपा। नारी शक्ति की बात करने से काम चल जाएगा। संविधान ने नारी शक्ति को वोट में बदला। आज उनके बिना सरकारें नहीं बनतीं। 10 साल से कानून का इंतजार है।
प्रियंका गांधी ने अपनी स्पीच में उन्नाव रेप पीड़िता, संभल हिंसा पीड़िता और आगरा में पुलिस पिटाई में मारे गए अरुण वाल्मीकि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उन्नाव रेप पीड़िता के घर गई थी। उसके पिता बोले कि बेटी के लिए इंसाफ चाहिए। FIR दर्ज करने के लिए गए तो मना कर दिया गया। कहीं केस दर्ज नहीं किया गया तो बेटी से कहा कि लड़ाई छोड़ दो, वो बोली नहीं ये मेरी लड़ाई है, मैं लड़ूंगी। यह हिम्मत संविधान ने ही दी है।
आगरा में पुलिस स्टेशन के अंदर सफाई करने वाले अरुण वाल्मीकि के घर गई। स्टेशन में चोरी हुई तो उस पर आरोप लगाकर पीटा गया। इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। अरुण की विधवा से मिली तो वह बोली कि न्याय चाहिए, चाहे कुछ हो इंसाफ की लड़ाई लड़ूंगी, यह हिम्मत संविधान ने दी। संभल हिंसा पीड़ित का बेटा कहता है कि बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा, पिता का सपना पूरा करुंगा, यह उम्मीद भी संविधान ने ही लगाई है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत में धर्म की परंपरा हजारों साल पुरानी है। वाद-विवाद और संवाद भारत की पुरानी संस्कृति है। इस्लाम, सूफी, जैन, सिख धर्मों की भी यही संस्कृति है। स्वतंत्रता संग्राम दुनिया का सबसे अनोखा युद्ध था। सत्य और अहिंसा की लड़ाई थी। भारत का हर नागरिक इस लड़ाई में शामिल हुआ। तब किसी ने धर्म और जाति का भेद नहीं किया। इस लड़ाई की गूंज ने संविधान की नींव लिखी। उस लड़ाई ने संविधान लिखा और भारत को लोकतंत्र बनाया। अंबेडकर, मौलाना आजाद, जवाहर लाल नेहरू समेत कई स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे अपने विचार प्रदान किए।
प्रियंका गांधी आज लोकसभा में अपनी पहली स्पीच दे रही हैं। वे संविधान पर चर्चा का जवाब दे रही हैं। कांग्रेस की ओर से पक्ष रखते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान न्याय की गारंटी है। इंसाफ और उम्मीद की ज्योति है। स्वतंत्रता संग्राम में हर वर्ग के लोग शामिल थे। आजादी की लड़ाई की निकली आवाज है संविधान। संविधान ने हर भारतीय को शक्ति दी। न्याय का अधिकार दिया। सरकार बनाने के लिए मताधिकार दिया। सुरक्षित भविष्य का अधिकार दिया। देश बनाने में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की।
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान संशोधन नहीं किया, बल्कि संविधान को बदलने का काम किया। कांग्रेस की तरह भाजपा ने कभी संविधान को राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल नहीं किया। पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह ने संविधान में संशोधन किए। पहला संविधान संशोधन 1950 में कांग्रेस ने ही किया था और तब इसकी आलोचना हुई थी। भाजपा ने संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया तो संशोधन को असंवैधानिक करार दिया गया। संविधान को लेकर कांग्रेस ने मनमानी ही की है।
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस संविधान को बचाने का नारा देती है, लेकिन यही कांग्रेस संविधान का अपमान भी करती है। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने में सुप्रीम कोर्ट का अहम योगदान भी रहा है। कांग्रेस ने 1973 में संविधान के तहत सभी मूल्यों को ताक पर रख दिया था। सीनियरिटी में चौथे नंबर पर आने वाले जज को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बना दिया था, क्योंकि पहले 3 सीनियर जजों ने तानाशाह कांग्रेस के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। इंदिरा गांधी ने भी धारा 356 का दुरुपयोग किया था।
मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि संविधान के लिखित और पब्लिशड दस्तावेज में क्या-क्या है? उन्होंने बताया कि संविधान के मौलिक अधिकारों वाले खंड में मां सीता, श्री राम, लक्ष्मण की तस्वीरें छपी हैं। मेन पेज पर अजंता-अलोरा की तस्वीर है। कमल का फूल भी उकेरा गया है। यह आकृतियां समृद्ध भारत के इतिहास और भारत की महान परंपरा का प्रतीक हैं।
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा ने भारतीय संविधान को वहां भी लागू किया, जो इसके दायरे में नहीं था। जहां संसद के कानून, संविधान के प्रावधान लागू नहीं होते थे। बात जम्मू कश्मीर की हो रही है। जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए और रिकॉर्ड वोटिंग हुई, बिना किसी हिंसात्मक घटना के।
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान पर हस्ताक्षर करने वालों में 11 महिलाएं भी शामिल थीं। जब भी संविधान के जनक पिताओं की बात होती है तो उसकी जननियों को भुला दिया जाता है। आज मैं उन्हीं जननियों को श्रद्धांजलि देता हूं। एक किताब में इन जननियों का जिक्र किया और इनके नाम हैं- अम्बू स्वामिनाथन, अमृत कौर, हंस मेहता, रेणुका रे, पूर्णिमा बनर्जी, कमला चौधरी आदि।
मंत्री राजनाथ ने कहा कि संविधान निर्माण का क्रेटिड किसी एक विशेष दल द्वारा लेने की कोशिश की गई। इसे एक पार्टी की देन बनाने का प्रयास होता रहा है, जबकि यह सामूहिक निर्माण था, लेकिन कुछ लोगों के योगदान को भुला दिया गया। संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश हुई है, जबकि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। यह कई लोगों के विचारों और दिमाग की उपज है। भारत का संविधान भारत के लोगों, विचारों, उनके मूल्यों के अनुरूप बनाया गया कानूनी दस्तावेज है।
संविधान पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान बनाने वाले सभी नेताओं का नाम लिया, लेकिन उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरु का नाम नहीं लिया। इस पर विपक्ष कांग्रेस भड़क गया और कांग्रेस नेता शेम-शेम के नारे लगाने लगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान को किसी एक पार्टी की देन बताने की कोशिश होती रही है। कई संविधान निर्माताओं को योगदान को भुला दिया गया। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी संविधान निर्माण को सामूहिक प्रयास मानते थे।
मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान हिंदुस्तान को एक आदर्श देश बनाने का रोडमैप है। संविधान सार्वभौमिक और सर्वसक्षम है। सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक आधार पर देश के विकास का मार्ग तय करता है। संविधान भारत के गौरव को पुनर्स्थापित करने का रोडमैप है। विकास, क्षमता, न्याय, स्वतंत्रता, राष्ट्र की अखंडता, नागरिकों की गरिमा बनाए रखने का रोडमैप है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान को लोगों की आकांक्षाओं का दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं है। वह देश के नागरिकों को अधिकारों और कर्तव्यों का दस्तावेज है, जो उन्हें लोकतांत्रिक देश का नागरिक बनाता है। स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीयों ने जो सपना देखा था, वह 26 नवंबर 1949 को पूरा हो चुका था। लोग भारत के नागरिक बन चुके थे। उस दिन से भारत में राजा-रानी का शासन और ब्रिटिश तंत्र का राज खत्म हुआ था। जनता का शासन शुरू हुआ था और भारत लोकतंत्र बना था।
लोकसभा में संविधान पर चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने बोलना शुरू कर दिया है। स्पीकर दीर्घा में कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे बैठे हैं। उनके साथ रॉबर्ट वाड्रा और रेहान वाड्रा भी हैं। दोनों प्रियंका गांधी की पहली स्पीच सुनने आए हैं।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी आज पहली बार संसद में स्पीच दे सकती हैं। वे विपक्ष की ओर से संविधान पर चर्चा बहस का जवाब देंगी। विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, DMK नेता टीआर बालू, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा भी चर्चा में हिस्सा ले सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने संविधान पर चर्चा के दौरान अपने सभी सांसदों की मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया है। प्रियंका गांधी की पहली स्पीच यहां सुनें लाइव...
लोकसभा सदन में संविधान पर चर्चा के लिए राज्यसभा सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। राज्यसभा में संविधान पर विशेष चर्चा सोमवार 16 दिसंबर 2024 और मंगलवार 17 दिसंबर, 2024 को होगी। विपक्ष कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बहस करेंगे। भाजपा की ओर से बहस की शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को राज्यसभा में चर्चा पर जवाब देंगे। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने व्हीप जारी कर अपने सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। वहीं आज स्थगन से पहले राज्यसभा में घमासान मचा। जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस हुई।