Sabse Bada Sawal, 24 April 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आपमें बहुत लो टीवी सीरियल देखते होंगे। टीवी से चिपक जाते होंगे, जब आपका फेवरेट सीरियल चल रहा हो। कई धारवाहिकों की कहानियां खत्म होने का नाम नहीं लेती हैं। अगले दिन फिर देखते हैं।
आज मैं एक ऐसे ही राजनीतिक धारावाहिक की बात करने वाला हूं। विपक्षी एकता का राजनीतिक धारावाहिक महीनों से चला आ रहा है। कहीं मुलाकात, कहीं बातचीत। लेकिन कोई शक्ल अख्तियार करता नहीं दिख रहा है। विपक्ष को एकजुट करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर संभाले नीतीश कुमार आज पश्चिम बंगाल में थे। साथ में उनके सहयोगी बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे। दोनों नेताओं ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की।
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अब ये मुलाकात अहम क्यों है? ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव, अरविंद केजरीवाल ऐसे नेता हैं जो नॉन बीजेपी नॉन कांग्रेस गठबंधन की वकालत करते नजर आए। क्या कांग्रेस को लेकर मन में जो अड़चने हैं, क्या आज वो दूर होते दिखे। क्योंकि अभी एक उपचुनाव हुआ था, उसमें कांग्रेस जीत गई थी। तब ममता बनर्जी बिफर पड़ी थीं। लेकिन ममता बनर्जी ने बाहर निकलकर कहा कि पहले हम सभी को साथ आना है। बीजेपी हीरो बन बैठी है, उसे जीरो करना है। नीतीश कुमार ने वही दोहराया, जो पिछले कई दिनों से कहते आ रहे हैं।
उसके बाद शाम को लखनऊ पहुंच गए। सपा के सर्वे सर्वा अखिलेश यादव से मुलाकात की। अखिलेश यादव पहले रायबरेली और अमेठी में अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा करते थे, लेकिन वे कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं छोड़ना चाहते हैं। 13 अप्रैल को नीतीश कुमार ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। उसी शाम अरविंद केजरीवाल से भी मिले। लेकिन क्या ये सभी साथ आ पाएंगे?
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तो आज का सबसे बड़ा सवाल है कि नीतीश की ममता-अखिलेश से मुलाकात…बन गई बात? कांग्रेस से दूरी या कांग्रेस बनेगी धुरी? देखिए बड़ी बहस