Rajouri Mysterious Disease Secret Revealed: जम्मू-कश्मीर के राजौरी के बडाल गांव में रहस्यमय तरीके से हो रही लोगों की मौतों का कारण सामने आ गया है। गांव में हो रही रहस्यमय मौतों के पीछे किसी तरह का कोई संक्रमण या वायरस नहीं, बल्कि एक टॉक्सिन कैडमियम (जहर) है। इस बात की जानकारी खुद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि लखनऊ के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के वैज्ञानिक ने इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि मृतकों के शरीर में कैडमियम नाम का टॉक्सिन पाया गया है।
टॉक्सिकोलॉजी लैब के टेस्ट रिपोर्ट
मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि लखनऊ में टॉक्सिकोलॉजी लैब के टेस्ट रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि मृतकों के शरीर में किसी तरह का कोई भी संक्रमण, वायरस या बैक्टीरिया नहीं पाया गया है। इन सभी लोगों की मौत कैडमियम ‘जहर’ की वजह से हुई है, जो मरने वालों के शरीर में कहां से आया, इसका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है; इसकी जांच पुलिस करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में साफ हो सकता है कि उनके शरीर में टॉक्सिन आखिर कैसे पहुंचा।
अब तक 17 लोगों की मौत
बता दें कि राजौरी जिला के बडाल गांव में पिछले साल 7 दिसंबर से लेकर अब तक 13 बच्चों समेत 17 लोगों की मौत हो चुकी है। ये सभी मौतें गांव के 3 परिवारों में ही हुई हैं। इनसे जुड़े 38 और लोग भी टॉक्सिन से प्रभावित हुए हैं। बीते दिन ही बडाल गांव में एक 11 साल की लड़की बीमार हो गई। उसे जीएमसी राजौरी में भर्ती करवाया गया है। इसके अलावा गांव की ही तीन और सगी बहनें बीमार हैं और जम्मू में उनका इलाज चल रहा है।
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कंटोनमेंट जोन घोषित हुआ बडाल गांव
इसकी वजह से बडाल गांव को कंटोनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। इसी के तहत अब तक मारे गए और बीमार लोगों के संपर्क में आए करीब 200 ग्रामीणों को क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा चुका है। वहीं, गृह मंत्रालय की तरफ से इसकी जांच के लिए अंतर-मंत्रालयीय टीम का गठन किया गया है। इस टीम ने बडाल गांव में 3 दिन तक दौरा किया। साथ ही मौत के कारणों का पता लगाने के लिए 230 से अधिक सैंपल अपने साथ ले गई है, जिसे वह गृह मंत्रालय को सौंपेगी। वहीं, इसी बीच मृतकों के शरीर में न्यूरोटॉक्सिन (जहर) पाए जाने के बाद पुलिस ने भी इसकी जांच के लिए SIT का गठन किया है।