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Odisha Train Tragedy: ‘तीन नहीं सिर्फ एक ट्रेन दुर्घटना का शिकार…’, रेलवे बोर्ड ने समझाया कैसे हुआ हादसा

Odisha Train Tragedy: रेलवे बोर्ड ने रविवार को बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बोर्ड सदस्य जया वर्मा ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन पर ट्रिपल ट्रेन की टक्कर कैसे हुई? उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन ट्रेनें नहीं, सिर्फ एक ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई है। उस समय उसकी स्पीड 128 […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jun 4, 2023 16:15
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Odisha Train Tragedy

Odisha Train Tragedy: रेलवे बोर्ड ने रविवार को बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बोर्ड सदस्य जया वर्मा ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन पर ट्रिपल ट्रेन की टक्कर कैसे हुई? उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन ट्रेनें नहीं, सिर्फ एक ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई है। उस समय उसकी स्पीड 128 किमी प्रति घंटे थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकराई, फिर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट कोरोमंडल की बोगियों से भिड़ गई। यह हादसा सिग्नलिंग में आई परेशानी के कारण हुआ है। लेकिन अभी विस्तृत रिपोर्ट आना बाकी है। उससे हादसे की मूल वजह पता लगेगी।

जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि शाम के करीब 8 बजे तक 2 लाइनें हमें मिल जाएंगी, जिस पर गाड़ी धीमी गति से निकलनी शुरू हो जाएगी। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया लगता है कि सिग्नल के कारण कोई समस्या हुई होगी।

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कवच पर बोर्ड ने कही ये बात

हादसे के बाद एक बार फिर चर्चा में आए कवच को लेकर जया वर्मा ने कहा कि कवच भारत में बनाया गया सिस्टम है। आने वाले भविष्य में हम इसका निर्यात भी कर सकेंगे। ये रेल की सुरक्षा से संबंधित है इसलिए हमने इसकी कड़ी टेस्टिंग की है। रेल मंत्री ने खुद ट्रेन में बैठ कर इसकी जांच की है। इस यंत्र को सभी लाइनों और ट्रेनों में लगाने में समय और पैसा लगेगा।

 

कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसाः रेलवे बोर्ड ने कही ये बात

1. हादसा बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ। यह चार लाइन का स्टेशन है। मेन लाइन बीच में होती है और लूप लाइन मेन लाइन के दोनों ओर होती है।

2. दुर्घटना के समय दो एक्सप्रेस ट्रेनों को रास्ता देने के लिए दो ट्रेनों को रोका गया था। लूप लाइन पर उस वक्त दो मालगाड़ियां इंतजार कर रही थीं।

3. कोरोमंडल और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के लिए दो मेन लाइनों पर हरा सिग्नल था। जया सिन्हा ने कहा कि हरे रंग के सिग्नल का मतलब है कि चालक के लिए आगे का रास्ता साफ है और चालक अधिकतम गति का उपयोग कर सकता है।

4. उस स्थान पर कोरोमंडल के लिए अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटे थी। कोरोमंडल उस समय 128 किमी/घंटे की रफ्तार से चल रही थी।

5. बेंगलुरु-हावड़ा 126 किमी/घंटा की गति से चल रही थी। इसलिए दोनों में से कोई ट्रेन ओवरस्पीड नहीं है।

6. कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हुई हैं। केवल एक ट्रेन कोरोमंडल हादसे का शिकार हुई। हादसे के बाद कोरोमंडल का इंजन लूप लाइन पर मालगाड़ी पर पलट गया।

7. टक्कर इतनी जबरदस्त थी क्योंकि ट्रेन स्पीड में थी। मालगाड़ी पर लोहा लोड था। इसने वह टक्कर झेल गई। टक्कर का पूरा असर कोरोमंडल पर पड़ा।

8. कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन एलएचबी कोच की थी। जया सिन्हा ने कहा कि एलएचबी कोच बहुत सुरक्षित हैं और वे पलटते नहीं हैं। लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ कि पूरा प्रभाव कोरोमंडल एक्सप्रेस पर पड़ा और कोई भी तकनीक इस तरह के हादसे को नहीं बचा सकती।

9. पटरी से उतरे कोरोमंडल के डिब्बे दूसरी मेनलाइन पर चले गए जहां से यशवंतपुर-हावड़ा गुजर रही थी और यशवंतपुर के आखिरी कुछ डिब्बों पलट गए।

275 लोगों की मौत

ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है। 11 सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से 800 लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। चेन्नई-कोलकाता रूट को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। एक हजार से ज्यादा कर्मी काम में लगे हैं।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Jun 04, 2023 04:12 PM

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