Rahul Gandhi Statement On Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर कोई आरोपी या दोषी है तो उसका मकान और घर नहीं गिराया जा रहा है। कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने SC की टिप्पणी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं।
राहुल गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना
रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोजर के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो चुका है। बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है।
यह भी पढे़ं : ‘बीजेपी सरकार में उपद्रवियों को मिली खुली छूट’, मॉब लिंचिंग पर आया राहुल गांधी का रिएक्शन
भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोज़र नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है।
बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।
बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोज़र ने नागरिक अधिकारों को… pic.twitter.com/dzv7vVtLTg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 2, 2024
‘बुलडोजर के पहियों के नीचे गरीबों की घर गृहस्थी आती है’
उन्होंने आगे कहा कि ‘त्वरित न्याय’ की आड़ में ‘भय का राज’ स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोजर के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर गृहस्थी आती है। वे अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर भाजपा सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा। देश सत्ता की चाबुक से नहीं, बाबा साहब के संविधान से चलेगा।
यह भी पढे़ं : Video: शादी को लेकर राहुल गांधी ने कश्मीरी लड़कियों से किया ये वादा!
सुप्रीम कोर्ट ने क्या थी टिप्पणी?
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी मामले में आरोपी या दोषी है तो उसका घर या मकान नहीं तोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए गिराया जा रहा है कि वह आरोपी है। हालांकि, अदालत ने साफ कर दिया कि अवैध रूप से बने घर के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।