भारत के भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को वापस देश में लाने के लिए सरकार हाथ-पांव मार रही है। इसके लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। इस बीच खबर आई है कि भारत सरकार ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और न्यायिक अधिकारियों को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन शर्तों के बारे में बताया गया है, जिनके तहत चोकसी को हिरासत में लिया जाएगा। यह पत्र गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। इस पत्र में प्रत्यर्पण कार्यवाही में उठाए गए मानवाधिकार संबंधी चिंताओं का समाधान दिया गया है। ये आश्वासन CBI को मेहुल चोकसी के आत्मसमर्पण के भारत के अनुरोध के संबंध में दिए गए थे।
भारत सरकार बेल्जियम के न्यायिक अधिकारियों को ठोस गारंटी देना चाहती है कि चोकसी की हिरासत स्वीकृत न्यूनतम मानकों के अनुरूप होगी। गृह मंत्रालय ने मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक संख्या 12 में चोकसी की हिरासत के लिए बदलाव किए हैं। पत्र में मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार समेत कई तरह की गारंटी दी गई है। निर्धारित मानदंडों के अनुसार फर्नीचर छोड़कर, न्यूनतम तीन वर्ग मीटर का निजी स्थान दिया जाना चाहिए।
ANI के अनुसार, पत्र में उल्लेख है कि बैरक में सोने की व्यवस्था में एक साफ मोटी चटाई, तकिया, चादर और कंबल दिए जाएंगे। डॉक्टर की सलाह या कोर्ट के आदेश पर लकड़ी या लोहे के बेड की भी व्यवस्था की जा सकती है। बैरक में ग्रिल वाली खिड़कियां, वेंटिलेटर और सीलिंग पंखे लगे हैं, जिसकी नियमित सफाई की जाती है। इसके साथ ही नगरपालिका द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था है। शौचालय और स्नानघर शामिल हैं, जिसमें फ्लश शौचालय और वॉश बेसिन हैं।
खाने में क्या मिलेगा?
पत्र में बताया गया कि बंदियों को दिन में तीन बार पर्याप्त भोजन मिलेगा, साथ ही डॉक्टर की सलाह पर अन्य खाद्य की व्यवस्था भी की जाएगी। खुले आसमान के नीचे रोजाना व्यायाम की अनुमति है, और मनोरंजन के लिए बोर्ड गेम और बैडमिंटन का इस्तेमाल किया जा सकता है। हर वक्त जेल में डॉक्टर मौजूद रहेंगे, जिसमें छह चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग अर्दली और फार्मासिस्ट शामिल हैं। आईसीयू क्षमता वाला 20 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी जेल में ही मौजूद है। इतना ही नहीं, नजदीक में एक बड़ा अस्पताल भी है, जहां जरूरत पड़ने पर रेफर किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया कि उनके स्वास्थ्य रिपोर्ट का ध्यान रखते हुए आवश्यक उपकरण और उपचार निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। बैरक संख्या 12 मुख्य जेल परिसर से अलग है और सीसीटीवी के जरिए लगातार निगरानी की जाती है। इसमें अहिंसक कैदी ही रखे जाते हैं और इसे भीड़भाड़, हिंसक लोगों से दूर रखा गया है। इसके साथ ही यहां से वकीलों के साथ रोजाना मुलाकातें की जा सकती हैं। टेलीफोन व वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
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बता दें कि मेहुल चोकसी पर भारत में कई धाराओं में केस दर्ज हैं, जिनमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 409, 420, 477A और 201 के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीओसीए), 1988 की संबंधित धाराएं शामिल हैं।










