देश में ऐसे अनगिनत लोग हैं जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं। उनके पास भविष्य के लिए धन जमा करने का कोई निश्चित साधन नहीं है। ऐसे लोगों का वेतन भी निश्चित नहीं है, इसलिए पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे गरीब मजदूरों को भारत सरकार के पीएम श्रम योगी मानधन योजना के जरिए पेंशन की सुविधा मिलती है। इसके लिए ये जानना भी बेहद जरूरी है कि इसमें कितना पैसा जमा करना होता है? ये योजना गरीब मजदूरों के लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है?
साल 2019 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत मजदूरों को 60 साल की आयु के बाद सरकार द्वारा हर महीने 3000 रुपए पेंशन दी जाती है। अब तक देश के 30 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने इस योजना के माध्यम से लाभ उठाने के लिए आवेदन किया है। ये योजना गरीब मजदूरों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का एक माध्यम है।
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किन श्रमिकों को मिलेगा पेंशन का फायदा
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलता है। इनमें कपड़े धोने वाले, रिक्शा चालक, किसान, निर्माण मजदूर, ईंट भट्टा मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, दूसरों के घरों में काम करने वाले, भूमिहीन मजदूर, मोची, सिर पर बोझा ढोने वाले, मिड-डे मील वर्कर और असंगठित क्षेत्र के सभी कामगार इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आप भी इनमें से किसी श्रेणी में आते हैं तो यह योजना आपके भविष्य को सुरक्षित करने का सुनहरा मौका बन सकता है।
कितना पैसा जमा करना होगा?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत 60 साल की उम्र के बाद पेंशन पाने के लिए अब श्रमिकों को 18 से 40 साल की उम्र के बीच आवेदन करना जरूरी है। यानी कम से कम 20 साल तक योजना में योगदान देना होगा। अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में योजना में निवेश करना शुरू करता है तो उसे 3000 रुपए पेंशन के लिए हर महीने 55 रुपए जमा करने होंगे। वहीं, अगर कोई व्यक्ति 40 साल की उम्र में योजना में निवेश करना शुरू करता है तो उसे हर महीने 200 रुपए जमा करने होंगे। आपको बता दें कि मजदूर द्वारा जमा की गई राशि के बराबर की राशि सरकार द्वारा भी योजना में जमा की जाती है।
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