Parliament Budget Session 2024 : देश की संसद में बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को श्रीराम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए और देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। ये पांच साल रिफॉर्म्स, परफॉर्म्स और ट्रांसफॉर्म्स के रहे हैं। आइए पढ़ते हैं- पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें।
1. पीएम मोदी ने सांसदों का आभार व्यक्त किया। कोरोना काल में हमने सांसदों के सामने सांसद निधि छोड़ने का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने बिना विलंब किए प्रस्ताव को मान लिया।
2. प्रधानमंत्री ने कहा कि नए संसद भवन में संगोल को स्थापित किया गया, जिसमें विरासत का अंश और आजादी की पहली पल की झलक दिखती है।
3. आज हम सबकी 5 साल की वैचारिक यात्रा और देश को समर्पित करने का दिन है। एक बार फिर से अपने संकल्पों को देश के चरणों में समर्पित करने का मौका है।
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4. आपने (सभापति जी) आम नागरिक के लिए संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे खोलकर बड़ी सेवा की है। इससे ज्ञान का खजाना और परंपराओं की विरासत जनमानस तक पहुंचेगी। इसके लिए पीएम मोदी ने सभापति का आभार व्यक्त किया।
PM Shri @narendramodi addresses the last sitting of 17th Lok Sabha. https://t.co/gf5hUyfjQx
— BJP (@BJP4India) February 10, 2024
5. मुझे विश्वास है कि हम आज 17वीं लोकसभा का समापन करेंगे और फिर नए संकल्प के साथ 18वीं लोकसभा में प्रवेश करेंगे।
6. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 5 साल में कई सारे सुधार हुए हैं। देश आज बदलाव की ओर तेजी से बढ़ रहा है और सभी सांसदों ने इस कार्य में अपनी भूमिका निभाई है।
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7. देशवासियों ने एक संविधान का सपना देखा था। इसी सदन ने लोगों के सपने को पूरा करते हुए धारा 370 हटा दिया।
8. पीएम मोदी ने कहा कि पहले देश के लिए आतंकवाद एक नासूर बन गया था, जिसमें कई वीर जवान बलि चढ़ जाते थे, लेकिन इसी सदन ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए।
Remembering the challenging times of COVID, I want to express my gratitude to the members of Parliament who decided to relinquish their privileges in times of need without a second thought.
To motivate the citizens of India, honourable members decided to reduce 30% of their… pic.twitter.com/r7LhXxEJ9p
— BJP (@BJP4India) February 10, 2024
9. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही न्याय व्यवस्था के नियमों में बदलाव किया गया। अब देशवासी गर्व से कहेंगे कि हम उस समाज में रहते हैं, जहां दंड संहिता नहीं, बल्कि न्याय संहिता को माना जाता है।
10. पेपरलेस संसद बनाने को लेकर पीएम मोदी ने सभापति का आभार व्यक्त किया।