Parliament Budget Session PM Narendra Modi Speech: आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। भाजपा की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट सेशन है, इसलिए सेशन शुरू होने से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइव स्पीच दी और बजट सेशन पर बात की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को संबोधित करेंगी। भाजपा की मोदी सरकार इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट पेश करेगी। कल एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी, लेकिन इससे पहले मैं सांसदों को कुछ नसीहत देना चाहूंगा।
#WATCH | PM Modi targets the disruptive Members of Parliament
---विज्ञापन---“I hope the MPs who are in the habit of ripping apart democratic values will self-introspect on what they did in their term as members of Parliament. Those who contributed positively to the Parliament will be… pic.twitter.com/oPlxsYj6o8
— ANI (@ANI) January 31, 2024
सेशन में सही व्यवहार करने की नसीहत
PM मोदी ने संबोधन की शुरुआत सभी को 2024 का राम राम के साथ की। इसके बाद उन्होंने कहा कि जिन सांसदों का स्वभाव आदतन हुड़दंग करने का बन गया है, वे आत्म निरीक्षण करें। जो सिर्फ नकारात्मक होंगे या हुड़दंग मचाएंगे, उन्हें शायद ही कोई याद करेगा। बजट सत्र है, उत्तम से उत्तम व्यवहार कीजिए।
उन्होंने कहा कि पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद लेकर आएंगे। इस बार दिशा निर्देश वाला बजट निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। देश नई ऊंचाइयों को पार करके विकास कर रहा है। गत 10 वर्षों में जिसको जो रास्ता और तरीका समझ आया, उस पर चलते हुए सभी ने संसद में अपना-अपना कार्य किया।
#WATCH | President Droupadi Murmu arrives at the Parliament, to address the joint sitting of both Houses at the beginning of the interim Budget session pic.twitter.com/4Fqbit74GQ
— ANI (@ANI) January 31, 2024
सेशन को पश्चाताप करने का अवसर बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो सांसद आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं, वे सोचें कि उन्होंने 10 साल में जो काम किया, वह उनके क्षेत्र के लोगों को भी याद है या नहीं, जो संसद में इतना हुडदंग मचाया। पश्चाताप का अवसर है, उनके लिए जिन्होंने कड़वी यादें दी। इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना।
PM मोदी ने कहा कि देशहित के लिए अपने विचार व्यक्त करें। विरोध का स्वर तीखा होना चाहिए, लेकिन मर्यादा का होना चाहिए। नए संसद भवन में पहले सेशल में बहुत गरिमापूर्ण फैसला लिया गया था, नारी शक्ति वंदन अधिनियम का। उसके बाद 26 जनवरी को पूरी दुनिया ने भारतीय नारी शक्ति देखी। कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के सामर्थ्य, शौर्य, संकल्प शक्ति का अनुभव किया।