पहलगाम आतंकी हमला 22अप्रैल दिन मंगलवार को हुआ था। मोदी सरकार ने आतंकी हमले की जांच सीधे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंपी। 8 दिन एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने जांच की और हमले से जुड़े सुराग खंगाले। जांच टीमों ने पहलगाम हमले के मृतकों के परिजनों से मुलाकात करके बयान लिए। पहलगाम के स्थानीय लोगों के बयान लिए।
वीडियो बनाने वाले कैमरामैन और लेफ्टिनेंट कर्नल से जानकारियां ली। पहलगाम में घटनास्थल पर जाकर सबूत जुटाए। NIA के महाराष्ट्र कैडर के DG सदानंद दाते के नेतृत्व में पहलगाम हमले की जांच चल रही है। DG दाते ने ही प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार की है, जिसे वे गृह मंत्रालय को सौंपेंगे। 8 दिन की जांच के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में NIA द्वारा किए गए खुलासों की जानकारी सामने आई है।
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आइए 5 पॉइंट में जानते हैं…
1. पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान सीधे तौर पर जिम्मेदार है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर साजिश रची गई। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने हमला किया। साजिश POK में लश्कर हेड क्वार्टर में रची गई थी।
2. पहलगाम आतंकी हमला करने वालों में 2 आतंकी पाकिस्तान के थे और दोनों ही ट्रेंड टेररिस्ट थे। एक आतंकी हाशिम मूसा था, जो पाकिस्तानी सेना का कमांडो था। दूसरे का नाम अली उर्फ तल है। मास्टरमाइंड हाशिम मूसा था।
3. पता चला है कि पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकी हमला करके 26 टूरिस्टों को मारा गया, लेकिन आतंकियों ने हमला करने के लिए 4 इलाकों की रेकी की थी, जिसमें बैसरन घाटी, अरु वैली, बेताब वैली और एम्यूजमेंट पार्क शामिल हैं।
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4. सुराग मिला है कि आतंकवादियों ने हमला करने के लिए हाई टेक्नोलॉजी वाले सिस्टम का इस्तेमाल किया, जो मोबाइल नेटवर्क या सिम कार्ड पर निर्भर नहीं था। कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं था, कोई कॉल नहीं हुई, फिर भी वे वीडियो भेजते रहे।
5. सुराग मिला है कि आतंकवादियों ने चीन की कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया, जो भारत में प्रतिबंधित है। इसे पाकिस्तान या अन्य देशों से तस्करी करके लाया गया होगा। जांच के दायरे में एक हुवावे कंपनी का सैटेलाइट फोन है, जो हमले के दौरान पहलगाम में एक्टिव था।