पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के तेवर देखकर पाकिस्तान, लश्कर और TRF घबराए हुए हैं। इसलिए लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने एक और बयान जारी किया है, जिसमें TRF ने बैसरन पहलगाम आतंकी हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। अपने पहले वाले बयान से पलटते हुए TRF ने कहा कि हमले के तुरंत बाद किसी ने उनके सोशल मीडिया हैंडल को हैक कर लिया और पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर आतंकी हमला करने का दावा करने वाला संदेश पोस्ट कर दिया।
लेकिन TRF ने अब बयान जारी किया है कि पहलगाम की घटना से उसका कुछ लेना देना नहीं है। वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि दबाव बढ़ता देखकर पाकिस्तान ने अचानक से पैंतरा बदल लिया है। TRF को बयान बदलने को तब कहा गया है, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकी हमले की स्वतंत्र जांच कराने की बात कही। पाकिस्तान की ISI के दबाव में TRF ने नया स्टेटमेंट जारी करके यूटर्न ले लिया। आतंकी हमला होने के 4 दिन बाद TRF ने अपने ऑफिशियल लेटर हेड पर एक बयान जारी किया है।
Official statement from #TRF#PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/DKzDnenkha
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सैफुल्लाह कसूरी ने भी जारी किया था वीडियो
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी ने भी एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में बोलते हुए उसने पहलगाम आतंकी हमले में हाथ होने से इंकार कर दिया था, लेकिन खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि सैफुल्लाह ने ही लश्कर और जैश के टॉप-5 कमांडरों को आतंकी हमला करने का आदेश दिया था।
फरवरी 2025 में आतंकी हमला करने की साजिश रची गई थी और 22 अप्रैल को हमला करने की तारीख तय की गई थी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कसूरी गांव में सैफुल्लाह ने पांचों कमांडरों को आदेश दिया गया और फिर उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आकर पहलगाम में आतंकी हमला करने की प्लानिंग की। हमला करने में 2 कश्मीरी युवकों ने उनका साथ दिया।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ लिए कड़े फैसले
बता दें कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को आक्रामक तेवर दिखाए। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लेकर उन्हें लागू किया। पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता तोड़ दिया। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया। पाकिस्तानी वीजा रद्द करके पाकिस्तानियों को भारत छोड़कर जाने का निर्देश दे दिया।
दिल्ली में पाकिस्तानी उच्च आयोग में पाकिस्तान के राजनयिकों की संख्या कम कर दी। जम्मू कश्मीर में 7 आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया। सिंधु जल संधि को तोड़ने के फैसले पर अमल करते हुए भारत सरकार ने बैठक बुलाई, जिसमें 3 सूत्रीय रणनीति बनाकर संधि तोड़ने का फैसला लिया। साथ ही पाकिस्तान को एक लेटर लिखा।