One Nation One Election Bill : केंद्र की मोदी सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दे दी। अब सरकार इस बिल को संसद में पेश करेगी। अगर ये बिल दोनों सदनों से पास हो गया तो देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का रास्ता साफ हो जाएगा। अब बड़ा सवाल उठता है कि मोदी सरकार इस बिल को सदन के पलट पर कब रखेगी? आइए जानते हैं सबकुछ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मंजूरी मिली। सूत्रों का कहना है कि सरकार जारी शीतकालीन सत्र में ही एक देश एक चुनाव बिल को सदन में लाएगी। सरकार से जुड़े सूत्रों का मानना है कि इस बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भी भेजा जा सकता है। सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम राय बनाई जाए। इसके लिए सभी हितधारकों से चर्चा कराई जाएगी।
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राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी JPC
जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। साथ ही सभी राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों को भी बुलाया जा सकता है। देश भर के प्रबुद्ध लोगों के साथ सिविल सोसायटी की भी इस संबंध में राय ली जाएगी। आपको बता दें कि इससे पहले मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2023 में वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था।
Union Cabinet has approved ‘One Nation One Election’ Bill: Sources pic.twitter.com/uAsIyjNcCv
— ANI (@ANI) December 12, 2024
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जानें कोविंद समिति ने क्या की सिफारिश?
रामनाथ कोविंद की समिति ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में देश में दो चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की सिफारिश की गई है, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के चुनाव साथ कराने की बात कही गई है।