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दिसंबर में ही कोरोना के नए वैरिएंट आने की क्या है वजह? सर्दियां शुरू होते ही अचानक बढ़ते हैं केस

COVID variant JN.1: अध्ययन में पाया गया कि ठंडे इलाकों में रहने वाले लोगों में गर्म इलाकों में रहने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Dec 25, 2023 15:08
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New variant of Coronavirus ZN.1: दुनियाभर में कहर तबाही के लिए एकबार फिर से कोरोना वायरस एकबार फिर लौट आया है। कोरोना के नए वैरिएंट ZN.1 के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया है। कोविड का नया वैरिएंट भारत में तेजी से फैल रहा है। भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 4 हजार से ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 628 नए मामले सामने आए हैं। अब सवाल है कि कोरोना के मामले दिसंबर महीने में ही अचानक बढ़ने क्यों लगते हैं।

साल 2019 में भी जब पहली बार कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे थे, तब भी दिसंबर का ही महीना था। तब पूरी दुनिया में इसकी वजह से हाहाकार मच गया था। लंबा लॉकडाउन लगाने की वजह से कई देशों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। पूरी दुनिया इसकी वजह से रुक गई थी। अब 4 साल बाद दूसरी और तीसरी लहर के बाद भी यह वायरस पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। हर साल सर्दियां शुरू होते ही नए वैरिएंट सामने आ जाते हैं और कोरोना की लहर आ जाती है।

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क्या है इसकी वजह

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि महामारी की पहली लहर के दौरान, मौसम की स्थिति ने प्रभावित किया कि वायरस कितनी आसानी से फैलता है। तापमान गरने और हवा शुष्क होने की वजह से उत्तरी गोलार्ध के देशों में कोविड-19 की दूसरी लहर में तेजी आई। चीन की सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी इसी तरह के बात की पुष्टि की है। उनके अध्ययन में पाया गया कि ठंडे इलाकों में रहने वाले लोगों में गर्म इलाकों में रहने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है।

तीन वैरिएंट और ओमीक्रोन

रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और यह अपने कई वेरिएंट के रूप में हमारे जीवन में मौजूद है। नए वैरिेएंट से भी लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है। गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में कोरोना के तीन बड़े वैरिएंट सामने आए थे, जिन्हें अल्फा, बीटा और गामा कहा गया। इसके बाद दिसंबर 2021 में ओमिक्रोन का आतंक देखने को मिला और एकबार फिर से लोगों को अपने घरों में बंद होना पड़ा।

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First published on: Dec 25, 2023 03:07 PM

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