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भीषण भूकंप-तूफान का खतरा टला; 44000KM की रफ्तार से आया था Asteroid, पढ़ें नासा का अपडेट

Asteroid Earth Collision Update: धरती पर मंडराई आफत टल गई है। एक विशालकाय एस्ट्रॉयड धरती की तरफ आया था, जो आराम से गुजर गया। वैज्ञानिकों ने सौर तूफान की चपेट में आकर इसके धरती से टकराने की संभावना जताई थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Dec 3, 2024 09:51
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Asteroid May Strike to Earth
एस्ट्रॉयड की टक्कर से डायनासोर लुप्त हो गए थे।

NASA Update on Asteroid 2007 JX2: आज धरती का विनाश होने से बच गया। आज धरती पर जलजला आ सकता है। भीषण तूफान और भूकंप आने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन आफत टल गई। क्योंकि आज भारतीय समयानुसार सुबह करीब पौने 5 बजे धरती के पास से एक विशालकाय एस्ट्रॉयड गुजरा। हालांकि इसका धरती से टकराव नहीं हुआ, लेकिन जब यह धरती के पास से गुजरा तो वैज्ञानिकों ने धरती में कंपन महसूस किया।

अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने इस एस्ट्रॉयड पर नजर रखी। एजेंसी की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्शन लैब (JPL) में बैठे वैज्ञानिकों ने इस एस्ट्रॉयड से जुड़ा डाटा कलेक्ट किया। वैज्ञानिकों ने 2007 JX2 को लेकर अलर्ट जारी किया था कि आज यह धरती के काफी करीब से गुजरेगा और सौर तूफान की चपेट में आने से इसके धरती से टकराने का खतरा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। एस्ट्रॉयड धरती के पास से गुजरा और अंतरिक्ष के अंधेरे में गुम हो गया।

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यह भी पढ़ें:16.5 करोड़ साल…डायनासोर, कीड़े-मकौड़े और मछलियां? वैज्ञानिकों ने तलाशा तीनों का चौंकाने वाला कनेक्शन

धरती से 55 लाख किलोमीटर दूर था एस्ट्रॉयड

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्रॉयड का नाम 447755 (2007 JX2) है। 1300 फीट व्यास वाला यह एस्ट्रॉयड स्टेडियम जितना विशाल था, जो अंतरिक्ष में 44000 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से घूम रहा था। पृथ्वी से इस एस्ट्रॉयड की दूरी 5.5 मिलियन (55 लाख) किलोमीटर थी, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 14 गुना अधिक है। हालांकि 5.5 मिलियन किलोमीटर काफी करीब है, लेकिन अंतरिक्ष के दुनिया में यह काफी दूर है। हालांकि पृथ्वी के लिए यह एस्ट्रॉयड कोई खतरा नहीं था, फिर भी नासा के वैज्ञानिक एस्ट्रॉयड को लेकर अलर्ट रहे।

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क्योंकि अगर यह सौर तूफान की चपेट में आता तो धरती की तरफ मुड़ सकता था। एस्ट्रॉयड की स्पीड, दिशा और दूरी की निगरानी करने के लिए नासा स्पेस एजेंसी एस्ट्रॉयड वॉच डैशबोर्ड का उपयोग करती है। यह सिस्टम वैज्ञानिकों को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि वे किसी भी संभावित जोखिम से पहले से वाकिफ हैं। इसमें एक DART (डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट) मिशन भी है, जिसके जरिए जरूरत पड़ने पर किसी एस्ट्रॉयड को उसके रास्ते से हटाया जा सकता है।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Dec 03, 2024 09:43 AM

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