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Muslim Quota Row: ‘यह SC की बेंच है, मछली मंडी न बनाएं…’, अमित शाह के बयान पर वकीलों में हुई तीखी बहस

Muslim Quota Row: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत कोटा खत्म करने को लेकर दिए जा रहे राजनीतिक बयानबाजी पर नाराजगी जताई। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि जब 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और लिंगायतों-वोक्कालिगा को […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: May 9, 2023 18:14
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Supreme Court

Muslim Quota Row: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत कोटा खत्म करने को लेकर दिए जा रहे राजनीतिक बयानबाजी पर नाराजगी जताई। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि जब 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और लिंगायतों-वोक्कालिगा को 2-2 फीसदी आरक्षण की वृद्धि के फैसले को लागू नहीं करने का आदेश है तो इस मुद्दे पर कोई राजनीतिक बयान नहीं दिया जाना चाहिए। कुछ पवित्रता बनाए रखने की जरूरत है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 25 जुलाई तय की है।

कर्नाटक की बोम्मई सरकार द्वारा मुस्लिम कोटे को खत्म करने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हर दिन गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक में बयान दे रहे हैं कि उन्होंने चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा वापस ले लिया है। इस पर कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी टिप्पणी की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अदालत की भावना को समझते हैं और सम्मान करते हैं। लेकिन कोई भी धर्म-आधारित आरक्षण असंवैधानिक है।

दुष्यंत दवे ने बयानबाजी पर रोक लगाने की उठाई मांग

इसका दुष्यंत दवे ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि अदालत से आग्रह किया कि वह वरिष्ठ वकील को बिना संदर्भ के इस तरह के बयान देने से रोके। यह सुप्रीम कोर्ट की बेंच है और इसे मछली बाजार में न बदलने दें। इस अदालत को इस तरह के बयान देने से रोकना होगा। दवे ने अदालत से कहा कि वह एक अर्जी दाखिल करेंगे और रिकॉर्ड पर लाएंगे कि किस तरह के बयान दिए जा रहे हैं।

हम अदालत को राजनीतिक मंच नहीं बनने देंगे

तुषार मेहता ने कहा कि बिना किसी आवेदन के किसी को पता नहीं चलेगा कि उनके (केंद्रीय गृह मंत्री) के लिए क्या बयान दिया गया है। नाराज दवे ने अदालत से कहा कि कृपया इस बयान को देखें। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण असंवैधानिक था और भाजपा ने इसे हटा दिया। यह अदालत की अवमानना है। कोर्ट में मामला बढ़ता देख जस्टिस जोसेफ ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने दवे से कहा कि अदालत में राजनीतिक बयान न दें। पीठ ने कहा कि हम इस अदालत को एक राजनीतिक मंच नहीं बनने देंगे। हम इसके पक्षकार नहीं हैं। हम इस तरह से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की अनुमति नहीं दे सकते।

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First published on: May 09, 2023 06:12 PM

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