Modi Cabinet 3.0 Ministers Porfolio: नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण हो चुका है। कौन कैबिनेट मंत्री बनेगा और कौन राज्य मंत्री होगा, इसका फैसला भी हो चुका है। अब मंत्रियों को मंत्रालय मिलने का इंतजार है। पोर्टफोलियों तैयार हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की मुहर लगनी बाकी है। हालांकि अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन किसे कौन-सा मंत्रालय दिया जा सकता है? सूत्रों के मुताबिक जानकारी सामने आई है।
बीते दिन 9 जून को BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनी। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 30 कैबिनेट मंत्रियों, 5 स्टेट मिनिस्टर्स (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। इन्हें कौन-सा विभाग दिया जाएगा, इसका फैसला आज शाम 5 बजे होने वाली कैबिनेट मीटिंग में हो जाएगा। आइए जानते हैं, किसे क्या पोर्टफोलियो मिल सकता है…
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शीर्ष नेताओं को उनके अपने मंत्रालय मिलने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, तीसरी बार मोदी कैबिनेट में शामिल अमित शाह को गृह मंत्री बनाया जा सकता है। राजनाथ सिंह को उनका पुराना पोर्टफोलियो रक्षा मंत्रालय मिल सकता है। नितिन गडकरी को भी उनका पुराना मंत्रालय सड़क एवं परिवहन मिलने की संभावना है, क्योंकि जिस तरह से उन्होंने परिवहन के क्षेत्र में पूरे देश में काम किया और उपलब्धियां हासिल कीं, उसे देखते हुए यह मंत्रालय किसी ओर को दिए जाने का सवाल भी नहीं उठता। फिर भी फैसला प्रधानमंत्री मोदी लेंगे।
इस बार कैबिनेट में 2 नए चेहरे जेपी नड्डा और शिवराज चौहान हैं, जिन्हें क्या मंत्रालय मिलेंगे, यह पता नहीं चला है, लेकिन चर्चा है कि वित्त मंत्रालय इस बार निर्मला सीतारमण की बजाय किसी और को दिया जा सकता है। वैसे जिस तरह उन्हें पहली पंक्ति में शीर्ष नेताओं के साथ जगह मिली, उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय उनके पास ही रह सकता है। जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को भी अहम मंत्रालय मिल सकते हैं। वहीं लोकसभा स्पीकर का पद भाजपा अपने पास रख सकती है।
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सहयोगी दलों के 11 सांसद बनाए गए मंत्री
बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार इस बार सहयोगी दलों की मदद से बन पाई है। 4 सहयोगी दलों JDU, TDP, LJP और शिवसेना शिंदे गुट का खास योगदान रहा है। इसलिए मोदी कैबिनेट में इस बार सहयोगी दलों के 11 सांसदों को भी जगह दी गई है। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए OBC, दलित, आदिवासी वर्ग के नेताओं को मंत्री बनाया गया है।
शिवराज चौहान, मनोहर लाल खट्टर समेत 6 पूर्व मुख्यमंत्री कैबिनेट में शामिल हुए हैं। सभी 71 मंत्री 24 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 34 मंत्री विधानसभाओं के सदस्य रह चुके हैं। 23 मंत्री अपने-अपने स्टेट में बतौर मंत्री सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में सभी मंत्री पद संभालने का अच्छा खासा अनुभव रखते हैं। उनके अनुभव को देखते हुए ही मंत्रालय बांटे जाने की चर्चा है।
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