Maharashtra News: महाराष्ट्र के नागपुर से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसपर पहली बार में तो आपको विश्वास भी नहीं होगा। यहां एक शख्स के दिल की धड़कन करीब एक घंटे तक रुकी रही, बावजूद इसके उसकी जान बच गई। 38 साल का यह शख्स जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा और सभी उसके बचने की उम्मीद छोड़ चुके थए। लेकिन कहते हैं न जिसकी रक्षा भगवान करते हैं उसे भला कौन मार सकता है। शख्स को अचानक दिल का दौरा पड़ गया और उसकी धड़कनें रूक गईं।
इसके बाद उसके परिजनों ने मान लिया कि वह जिंदा नहीं है। फिर ऐसा चमत्कार हुआ जिसपर डॉक्टरों को भी भरोसा करना मुश्किल था। हृदय गति रुकने के बाद 45 मिनट तक उसे सीपीआर दिया गया। बता दें कि अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के प्रोटोकॉल के मुताबिक अगर 40 मिनट तक सीपीआर देने के बाद दिल की धड़कन नहीं लौटती है तो सीपीआर बंद कर दिया जाता है।
नहीं पड़ा कोई दुष्प्रभाव
वहीं डॉक्टर भी मान रहे हैं कि यह किसी चमत्कार की वजह से हुआ है। डॉक्टरों के मुताबिक अच्छे सीपीआर की वजह से उस मरीज पर ज्यादा बुरा असर या दुष्प्रभाव नहीं पड़ा। ज्यादा देर तक सीपीआर देनें से कई बार मरीज की पसलियां टूट जाती हैं या अन्य समस्याएं आ जाती हैं। दिल की धड़कन दोबारा लौटने के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
क्या होता है सीपीआर
बता दें कि सीपीआर जिसे कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary Resuscitation) कहा जाता है में मरीज के सीने पर प्रेशर डाला जाता है। इससे इमर्जेंसी केस में जीवन बचाने के लिए दिया जाता है। अगर किसी को हार्ट अटैक आता है तो तुरंत सीपीआर देने से उसकी जान बच सकती है। इसमें कृत्रिम सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है और ब्लड फ्लो बना रहता है। इसे कई बार आजमाया जा चुका है और कई ऐसे मामले आते रहते हैं जिसमें सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई गई है।
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