केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वर्ष 2023 में ‘गरीब कैदियों को सहायता’ नामक योजना शुरू की थी। योजना को लेकर विस्तार से जानकारी राज्य सरकारों के साथ साझा की गई है, ताकि आपसी दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया के बीच तालमेल बनाया जा सके। यह योजना 19 जून 2023 को अमल में लाई गई थी। गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के लिए 20-20 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया था।
12 राज्यों ने निकाली है रकम
संजय कुमार के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीब कैदियों को राहत प्रदान करना है, जो जुर्माना न चुकाने या जमानत पर रिहाई के लिए बॉन्ड प्रस्तुत करने में असमर्थ होने के कारण जेल से रिहा नहीं पा रहे हैं। केंद्रीय नोडल एजेंसी (CNA) के खाते से राज्यों को धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। 12 राज्यों ने सीएनए खाते से अब तक 22 लाख 84 हजार 451 रुपये की धनराशि निकाली है।
केंद्र ने राज्यों को जारी किए थे निर्देश
पिछले वर्ष एजेंसी की ओर से राज्य सरकारों को एक लेटर जारी किया गया था। इस लेटर में गृह मंत्रालय ने कहा था कि प्रत्येक राज्य को केंद्र सरकार से राज्य मुख्यालयों तक धन के निर्बाध प्रवाह के लिए एक बैंक खाता खोलना चाहिए। यह योजना जरूरतमंदों और गरीब कैदियों के लिए बनाई गई है। इस योजना के कुशल कार्यान्वयन के लिए सरकार ने राज्यों को कई कदम उठाने की सलाह दी थी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने जिलों में सशक्त समितियां और निगरानी समितियां गठित करने के निर्देश केंद्र ने दिए थे।
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