Mathura Shahi Idgah Case: मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद मामले में सर्वेक्षण के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने कमिश्नर नियुक्त करने का फैसला सुनाया है। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई है। शुक्रवार को इस मामले पर शीर्ष कोर्ट में सुनवाई होगी।
अन्य लंबित याचिकाओं पर पड़ेगा असर
गुरुवार को कोर्ट के सामने मस्जिद कमेटी के वकील ने अपनी दलील पेश की। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई तो अन्य याचिकाओं पर भी असर पड़ेगा।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे करने के लिए अदालत-शासित आयोग नियुक्त करने की याचिका को स्वीकार कर लिया है।
Shri Krishna Janmabhoomi case:🥳🥳🥳
---विज्ञापन---Now, the Allahabad High Court rejected the arguments of the Shahi Idgah Masjid and approved the survey of the Shahi Idgah complex in Mathura.
The History of Mathura missing in textbook
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कोर्ट ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर का प्राथमिक सर्वेक्षण की अनुमति दी है। ये सर्वेक्षण अदालत की निगरानी में अधिवक्ता आयुक्तों की तीन सदस्यीय टीम द्वारा किया जाएगा। शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ठीक पास में स्थित है।
क्या है पूरा विवाद
हिंदू याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद पहले एक हिंदू मंदिर था। याचिककर्ताओं का मत है कि औरंगजेब के आदेश पर केशवदेव मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण किया गया था। ऐसा सन 1670 में किया गया था। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मौजूद एक मंदिर को तोड़कर किया था।
Krishna devotees worldwide receive good news as the Allahabad High Court rejects arguments from the Shahi Idgah Masjid, granting approval for a survey of the Shahi Idgah complex in Mathura in the Shri Krishna Janmabhoomi case.#Krishna #Mathura pic.twitter.com/QrYVHv5xZ5
— Amit Rakksshit 🇮🇳 (@amitrakshitbjp) December 14, 2023
याचिककर्ताओं ने सर्वेक्षण के दौरान पूरी कार्यवाही की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने अपने तर्क में कहा है कि कमल के आकार का स्तंभ, शेषनाग की प्रतिमा और मस्जिद पर की गई नक्काशी हिंदू मंदिरों की विशेषता है। ऐसे में ये माना जाना चाहिए कि यहां पहले हिंदू मंदिर मौजूद था।
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