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मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र और राज्य सरकार का जवाब, सॉलिसिटर जनरल बोले- स्थित में हो रहा सुधार

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में स्थिति में धीरे-धीरे ही सही, सुधार हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों, बेघर और हिंसा […]

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में स्थिति में धीरे-धीरे ही सही, सुधार हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों, बेघर और हिंसा प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास शिविरों के लिए उठाए गए कदमों, बलों की तैनाती और कानून व्यवस्था की स्थिति पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 जुलाई को तय की है। ये भी पढ़ेंः संसद के मानसून सत्र के बाद होने वाली विपक्ष की बैठक स्थगित, महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर का असर या कुछ और? सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि सिविल पुलिस के अलावा मणिपुर राइफल्स, सीएपीएफ की कंपनियां, सेना की 114 टुकड़ियां और मणिपुर कमांडो राज्य में स्थिति को सुधारने में जुटे हैं। यह सुनवाई दो प्रमुख कुकी संगठनों यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) की ओर से मणिपुर के कांगपोकपी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर अवरोध वापस लेने के एक दिन बाद हुई है। एक संयुक्त बयान में दोनों संगठनों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद, राजमार्ग पर नाकाबंदी तत्काल प्रभाव से हटा दी गई है। संगठनों ने कहा कि गृह मंत्री ने राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए गहरी चिंता दिखाई है। उधर, कुकी नागरिक समाज समूह कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) ने दो महीने पहले NH-2 पर सड़क जाम करने की घोषणा की थी, उसने अभी तक आधिकारिक तौर पर आंदोलन वापस नहीं लिया है। बता दें कि मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग NH-2 (इम्फाल-दीमापुर) और NH-37 (इम्फाल-जिरीबाम) है। ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र जैसे राजनीतिक संकट की ओर बढ़ रहा बिहार? नीतीश कुमार के अगले कदम पर सस्पेंस बरकरार 

हिंसा भड़कने के बाद कुकी संगठनों ने एनएच-2 को किया था जाम

3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से कुकी संगठनों ने एनएच-2 को अवरुद्ध कर दिया था और मई के अंत में शाह की यात्रा के बाद इसे अस्थायी रूप से खोल दिया गया था। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 130 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी (नागा और कुकी) आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं। और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


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