Manipur violence: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मणिपुर हिंसा के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वाली पीठ को राज्य के ताजा हालातों और केंद्र व राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में अवगत कराया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अब मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की गई है।
कोर्ट ने सरकार से इन मुद्दों पर मांगे जवाब
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से राज्य के हालातों, हिंसा से प्रभावित लोगों के पुर्नवास, उनके भोजन आदि की व्यवस्था के बारे में पूछा। साथ ही राज्य में धार्मिक पूजा स्थल और संपत्तियों को हुए नुसकान के बारे में भी जानकारी ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूथा कि सरकारों (केंद्र और राज्य) ने हिंसा के कारण विस्थापितों के लिए क्या कदम उठाए हैं?
Manipur violence | Centre and Manipur government submit before Supreme Court that the curfew was relaxed yesterday and today, and there were no incidents of violence on both days. pic.twitter.com/Sm7emFzVGm
— ANI (@ANI) May 8, 2023
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सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में दिए ये आश्वासन
इस पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शांति बैठक हो चुकी है और राज्य में लगातार चौकसी बरती जा रही है। सतर्कता के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दो दिनों से राज्य में कोई भी हिंसा की सूचना नहीं है। रविवार से कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में कुछ घंटों की ढील भी जा रही है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल की ओर से दिए गए आश्वासन को भी नोट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से बताई गई चिंताओं को दूर किया जाएगा। साथ ही सक्रिय आधार पर उपाय किए जाएंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति के लिए सीएपीएफ की 52 कंपनियां, सेना और असम राइफल के जवान तैनात किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन में मांगी स्टेटस रिपोर्ट
उन्होंने कोर्ट को बताया कि अशांत क्षेत्रों में सैन्य बलों द्वारा लगातार फ्लैग मार्च किया जा रहा है। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। सॉलिसिटर जनरल की ओर से कोर्ट को आश्वासन दिया गया है कि राज्य में स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से 10 दिन में स्टेटस रिपोर्ट (प्रगति रिपोर्ट) दाखिल करने को कहा है।
आदिवासियों के वकील ने दी ये दलील
दूसरी ओर आदिवासी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आदिवासियों पर हमले हो सकते हैं। वहीं सीजएआई चंद्रचूड़ का कहना है कि कोर्ट स्थिति को स्थिर करना चाहता है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि आरक्षण मामले की सुनवाई बाद में की जाए।