MP Lok Sabha membership: तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा(Mahua Moitra) की गुरुवार को कैश फॉर क्वेरी मामले में कार्रवाई के बाद लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है, लेकिन वह ऐसी पहली लोकसभा सदस्य नहीं हैं, जिनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। उनसे पहले लोकसभा से राहुल गांधी को सदन से बर्खास्त किया गया था। बता दें कि राहुल गांधी ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी पर बोलते हुए एक पोस्टर दिखाकर संसद नियमों का उल्लंघन किया था। बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार 1988 के बाद 42 सांसदों को अब तक बर्खास्त किया गया, जिसमें 14वीं लोकसभा में कैश-फॉर-क्वेरी मामले में 19 सांसदों को बाहर किया गया।
my speech on the steps of parliament today pic.twitter.com/pe0MyJf3Af
---विज्ञापन---— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) December 8, 2023
1985 में कांग्रेस सांसद ने खोई सदस्यता
साल 1985 में दल-बदल विरोधी कानून लागू होने के बाद सबसे पहले कांग्रेस सांसद लालदुहोमा की लोकसभा सदस्यता रद्द हुई थी, जिन्होंने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए मिजो नेशनल यूनियन के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
वीपी सिंह के गठबंधन में 9 की सदस्यता रद्द
9 वीं लोकसभा में, तत्कालीन जनता दल नेता वीपी सिंह ने गठबंधन सरकार बनाई, तो नौ लोकसभा सदस्यों पर दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन हुआ, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
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10वीं लोकसभा में चार सदस्यों ने खोई सांसदी
10वीं लोकसभा में, जब तत्कालीन प्रधान मंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, तो चार सदस्यों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
और भी कई सदस्यों पर गिरी गाज
वहीं 14वीं लोकसभा में 10 सदस्यों को संसद में सवाल उठाने के लिए रिश्वत लेने के लिए और 9 को यूपीए-1 सरकार द्वारा मांगे गए विश्वास मत के दौरान क्रॉस-वोटिंग के लिए सदन से बर्खास्त किया गया था।
2005 में ‘कैश फॉर क्वेरी’ घोटाले को लेकर भाजपा के 6, बसपा के 2 और कांग्रेस तथा राजद के एक-एक सदस्यों को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। बसपा के एक राज्यसभा सदस्य को भी सदन से निष्कासित कर दिया गया।
सोनिया गांधी की भी गई सदस्यता
इतना ही नहीं, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष का लाभ का पद संभालने के लिए साल 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सांसद सोनिया को लोकसभा का पद छोड़ना पड़ा था। इनके अलावा चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और जदयू सदस्य जगदीश शर्मा को भी लोकसभा से अयोग्य घोषित कर किया गया था।