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Explainer: महाराष्ट्र में फंसा 36 के आंकड़े का पेच, जानिए क्या हो सकता है NCP का भविष्य

नई दिल्ली: रविवार को इत्मिनान से बैठे लोगों को अचानक महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने नजर आई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), विपक्ष के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और थोड़ी देर बाद ही बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री […]

Author Edited By : Pushpendra Sharma Updated: Mar 10, 2024 19:58
NCP Ajit Pawar Sharad Pawar
NCP Ajit Pawar Sharad Pawar

नई दिल्ली: रविवार को इत्मिनान से बैठे लोगों को अचानक महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने नजर आई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), विपक्ष के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और थोड़ी देर बाद ही बगावत कर शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। जबकि एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। कहा जा रहा है कि अजित के साथ एनसीपी के 53 में से 40 विधायक आए हैं।

शरद पवार से पार्टी और सिंबल छिनने का खतरा 

इस तरह एनसीपी प्रमुख शरद पवार की पार्टी के पास सिर्फ 13 ही विधायक रह गए हैं। हालांकि अभी तक ये एक ‘दावा’ ही है। अगले कुछ दिनों में बागी विधायकों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। बहरहाल, इस पूरे घटनाक्रम से शरद पवार के लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी हो गई हैं। उनसे पार्टी और उसका सिंबल छिनने का खतरा पैदा हो गया है। ठीक वैसे ही- जैसे एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के साथ किया था। अब अजित पवार और शरद पवार के बीच NCP का भविष्य ’36’ के जादुई आंकड़े पर आ टिका है। वही 36 का आंकड़ा जिसे ‘रंजिश’ या ‘दुश्मनी’ के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स में यही 36 का आंकड़ा अब एनसीपी के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं पूरा समीकरण…

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अजित पवार पर भी खतरा कम नहीं 

अजित पवार के साथ गए एनसीपी के विधायकों की कुल संख्या कितनी है, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। यदि अजित के साथ 40 विधायक हुए तो एनसीपी आधिकारिक रूप से टूट जाएगी। अजित को पार्टी का नाम और सिंबल दोनों मिल सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो एनसीपी के बागी विधायकों के साथ वे अयोग्य साबित हो सकते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। अजित पवार को पार्टी के लिए दो तिहाई बहुमत का आंकड़ा पार करने की जरूरत है। ये आंकड़ा 36 बैठता है। यदि 36 विधायकों का आंकड़ा पार हो गया तो एनसीपी चीफ शरद पवार के हाथ से पार्टी और चुनाव चिह्न दोनों छिनने का खतरा बढ़ जाएगा। अजित पवार अब या तो राज्यपाल के सामने या फिर विधानसभा में इस 36 के आंकड़े को साबित कर सकते हैं।

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करना पड़ सकता है दल-बदल कानून का सामना 

सियासी घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- अजित पवार के साथ एनसीपी के 53 विधायक थे। अगर 36-37 विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून के दसवें परिशिष्ट के तहत अयोग्य करार होने से बच सकते हैं, लेकिन यदि अजित के पास 35 से कम बचते हैं तो डिस्क्वालिफिकेशन होना तय है। जो शिवसेना के साथ हुआ था वह अजित पवार के साथ हो सकता है। चव्हाण ने आगे कहा- शरद पवार ने कहा है कि उनके विधायकों के दस्तखत झांसा देकर लिए गए थे। जिन लोगों ने धोखा दिया है उन्हें पवार साहब ने नेता बनाया, वो ईडी के डर के मारे भाजपा का दामन पकड़े हुए हैं। वह दरअसल, ईडी गुट है, लेकिन जनता पवार साहब के साथ है। हमें अंदेशा पहले से ही था कि गुट को तोड़ने की कोशिश की जाएगी।

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(Xanax)

First published on: Jul 02, 2023 10:46 PM

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