Son Denied Father Last Rite for Money:(अजयारविंद नामदेव) आज पितृपक्ष का अंतिम दिन है। बीते कई दिनों से सभी अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके सम्मान में पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन इसी दौरान एक ऐसे कलयुगी औलाद की करतूत सामने आई है, जिसे सुनकर गुस्से से मन भर जा रहा है। पिता की मौत पर दुखी होना तो दूर, एक शख्स ने अंतिम संस्कार करने से ही इनकार कर दिया। पिता की चिता को आग्नि देने के लिए बेटे ने मां के सामने पैसों की शर्त रखी और जब मां ने पैसे देने से इनकार किया तो बेटे ने अंतिम संस्कार करने से भी साफ मना कर दिया।
बेटे की शर्त
यह खबर मध्य प्रदेश के शहडोल की है। शहडोल के ब्यौहारी थाने के कछियान गांव से यह हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मनोज बर्मन के पिता की अचानक मौत हो गई। निधन के गम में पूरा परिवार शोक में डूब गया। मां और दोनों बहनों का रो-रो कर बुरा हाल था। घर में चीख-पुकार मची थी। इसी बीच अंतिम संस्कार का समय हो गया। सभी ने मनोज से अंतिम संस्कार करने को कहा, लेकिन उसने एक शर्त रख दी।
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मां से मांगे 1.5 लाख रुपये
मनोज ने अपनी मां से अंतिम संस्कार के बदले डेढ़ लाख रुपये की मांग की। मनोज की शर्त थी कि जब मां उसे डेढ़ लाख रुपये देगी, तभी वो पिता का अंतिम संस्कार करेगा। मां ने पैसे देने से मना कर दिया और मनोज अंतिम संस्कार से भी पीछे हट गया। पिता का शव वहीं पड़ा रहा। आखिर में मां ने अपनी दोनों बेटियों के साथ मिलकर पति का अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद मां ने बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन भी दंग रह गया।
महिला का अंतिम संस्कार
जहां एक तरफ बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, तो दूसरी तरफ धनपुरी में कुछ लोगों ने मिलकर एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार किया। गांव में रहने वाली एक 80 साल की महिला की बीमारी से मौत हो गई। बूढ़ी महिला के परिवार में कोई नहीं था। जब यह बात समाजसेवी एसपी सिंह को पता चली, तो उन्होंने गांव के लोगों के साथ मिलकर महिला का अंतिम संस्कार किया और मानवता की मिसाल पेश कर दी।
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