Lord Swraj Paul Death: NRI उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल का निधन हो गया है। उन्होंने लंदन के अस्पताल में 94 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। ब्रिटेन की Caparo ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के संस्थापक लॉर्ड पॉल बीमार थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं लॉर्ड स्वराज पॉल के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट लिखा है।
उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि लॉर्ड स्वराज पॉल के निधन से अत्यंत दुखी हूं। ब्रिटेन में इंडस्ट्री के विकास और जनसेवा में उनके योगदान के लिए, भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए उनके अटूट समर्थन को सदैव याद रखा जाएगा। उनके साथ कई मुलाकातें हुई हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना, ॐ शांति।
Deeply saddened by the passing of Shri Swaraj Paul Ji. His contributions to industry, philanthropy and public service in the UK, and his unwavering support for closer ties with India will always be remembered. I fondly recall our many interactions. Condolences to his family and… pic.twitter.com/6G7D4gDDD1
— Narendra Modi (@narendramodi) August 22, 2025
कौन थे लॉर्ड स्वराज पॉल?
लॉर्ड स्वराज पॉल भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक थे, जो बिजनेस की दुनिया में एक बड़ा नाम थे। वे पॉलिटिशियन भी थे, जो ब्रिटिश भारत में पंजाब के जालंधर जिले में हिंदू पंजाबी परिवार में जन्मे थे। वे ब्रिटेन के कैपरो ग्रुप के फाउंडर थे। क्रैपरो ग्रुप स्टील और इंजीनियरिंग कंपनी है। उनके पिता पायरे लाल ने फाउंड्री शुरू की थी, जिसमें स्टील की बाल्टियां और एग्रीकल्चरल इंस्ट्रूमेंट बनाए जाते थे।
लॉर्ड स्वराज पॉल की मां का नाम मोंगवती था और सत्या पॉल, जीत पॉल नामक 2 बड़े भाई थे। जालंधर के लब्बू राम दोआबा स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की। जालंधर के दोआबा कॉलेज में भी उन्होंने एडमिशन लिया था। अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की ओर फिर अपनी कंपनी खोल ली।
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बेटी की मौत के बाद लंदन में बसे
मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद लॉर्ड स्वराज पॉल भारत लौट आए और पिता की कंपनी Apeejay ग्रुप जॉइन किया। 1966 में बेटी अंबिका की ल्यूकेमिया की बीमारी के इलाज के लिए उन्हें लंदन जाना पड़ा, लेकिन वे बेटी को बचा नहीं सके। इसके बाद वे भारत नहीं लौटे और ब्रिटेन में ही बस गए। 1968 में उन्होंने लंदन में नेचुरल गैस ट्यूब्स स्थापित की और कैपरो ग्रुप की नींव डाली। 10 साल के अंदर कैपरो ग्रुप ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील और इंजीनियरिंग कंपनी बन गई।
साल 2015 तक लॉर्ड स्वराज पॉल के कैपरो ग्रुप ने ब्रिटेन, नॉर्थ अमेरिका, भारत और मध्य पूर्व के देशों के 10000 से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी। वर्ष 1996 में स्वराज पॉल ने ग्रुप की जिम्मेदारी तीनों बेटों को सौंप दी। कैपरो ग्रुप के भारत में 25 ऑटोमोटिव प्लांट हैं। अमेरिका और कनाडा में ग्रुप ने बुल मूस ट्यूब ग्रुप स्थापित किया हुआ है। बेटी अंबिका की याद में अंबिका पॉल फाउंडेशन बनाया। लंदन के जू में अंबिका पॉल चिल्ड्रन जू भी खोला।
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इन पदों पर रहे लॉर्ड स्वराज पॉल
MIT में स्वराज पॉल थिएटर और जालंधर में अंबिका पॉल स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी खोला हुआ है। 1998 से लॉर्ड स्वराज पॉल वॉल्वर हैम्पटन यूनिवर्सिटी के चांसलर थे। साल 2006 से साल 2014 तक वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी के चांसलर रहे। 1997 में थैम्स वैली यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर बने। वर्तमान में वे हाउस ऑफ लॉर्ड्स के एक्टिव मेंबर थे। उन्होंने 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जीवनी और 1998 में अपनी आत्मकथा बियॉन्ड बाउंड्रीज लिखी थी।
लॉर्ड स्वराज पॉल की शादी अरुणा पॉल से हुई थी। 65 साल उनकी शादी चली और साल 2022 में अरुणा पॉल का निधन हो गया था। उनके 4 बच्चे थे। 4 साल की उम्र में बेटी अंबिका की मौत ल्यूकेमिया नामक बीमारी से हुई थी। साल 2015 में बेटे अंगद पाल का निधन हुआ था। अब उनके 2 बच्चे आकाश और शैला हैं। आकाश कैपरो इंडिया के चेयरमैन और कैपरो ग्रुप के डायरेक्टर हैं।
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राजनीति में इन पदों पर रहे स्वराज
1996 में लॉर्ड स्वराज पॉल कंजर्वेटिव पार्टी के ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर के लाइफ पीयर बने। साल 2008 में वे डिप्टी स्पीकर नियुक्त हुए। साल 2009 में प्रिवी काउंसिल के मेंबर बने। इससे पहले वर्ष 1975 में इंडो-ब्रिटिश एसोसिएशन के फाउंडर और चेयरमैन थे। साल 2000 से साल 2005 तक इंडो-ब्रिटिश राउंडटेबल के को-चेयरमैन रहे। साल 1998 से साल 2010 तक ब्रिटिश ट्रेड के लिए राजदूत रहे।
साल 1978 में ब्रिटेन की रानी ने उन्हें नाइटहुड अवार्ड दिया। 1983 में भारत सरकार ने उन्हें देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण दिया। उनके पास 15 डिग्रियां थीं। साल 2006 में उन्हें एशियन बिजनेस अवार्ड्स मिले थे।










