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नीतीश-नायडू ने तोड़ा INDIA अलायंस का सपना! आज दिल्ली में BJP-NDA को समर्थन पत्र सौंपेगी TDP-JDU

Nitish-Naidu Support Latest Update: नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू आज दिल्ली में भाजपा हाईकमान से मिल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों BJP NDA को समर्थन दे सकते हैं, जिसके बाद भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

Nitish Kumar Chandrababu Naidu Supporting NDA BJP: देश में एक बार फिर BJP NDA की सरकार बनने जा रही है। जी हां, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने गेम पलट दिया है। दोनों ने कांग्रेस और INDIA अलायंस का सपना तोड़ दिया है, क्योंकि दोनों आज दिल्ली में भाजपा को अपना समर्थन पत्र सौंपेंगे, लेकिन चर्चा यह भी है कि दोनों नेता सरकार में बड़ा पद मांग सकते हैं। सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है। TDP प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और JD(U) प्रमुख नीतीश कुमार आज दिल्ली में भाजपा हाईकमान से मुलाकात कर सकते हैं। दोनों समर्थन पत्र मिलने के बाद BJP NDA सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। बता दें कि दोनों नेताओं के पास 30 लोकसभा सीटें हैं और इन 30 सीटों को मिलाकर BJP NDA के पास 325 लोकसभा सीटें हो जाएंगी। यह भी पढ़ें:नीतीश-नायडू के साथ आसान नहीं होगी BJP-NDA सरकार की राह? 5 पॉइंट में जानें कैसे होगी मुश्किल

NDA को बहुमत तक ऐसे ले जाएंगे सहयोगी दल

अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 37, ममता बनर्जी की TMC ने 29 और DMK ने 22 लोकसभा सीटें जीती हैं। इस दलों के पाला बदलने की उम्मीद नहीं है। छोटे-छोटे दल पाला बदल सकते हैं। भाजपा के पास खुद की 240 सीटें हैं। NDA की सरकार बनाने के लिए भाजपा को 32 सीटें चाहिएं। नीतीश-नायडू के पास 30 सीटें हैं। अगर दोनों ने समर्थन दे दिया तो सरकार बन जाएगी। इनके अलावा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास 7 लोकसभा सीटें हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पास 5, जनता दल सेक्युलर (JDS) के पास 2, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पास 2 और जनसेना पार्टी के पास 2 लोकसभा सीटें हैं। इन सभी के साथ NDA सरकार बन जाएगी। यह भी पढ़ें:रावण से युद्ध के लिए राम जी अयोध्या वालों को ले गए होते तो.. भाजपा की हार पर भड़के हनुमान गढ़ी के महंत

नीतीश-नायडू के साथ आसान नहीं होगी राह

नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू चाहे BJP NDA को समर्थन दें, चाहें INDIA अलायंस को समर्थन दें, दोनों के लिए दोनों नेताओं के साथ राह आसान नहीं होगी। पहली बार दोनों नेता सरकार में किसी बड़े पद की मांग करेंगे। पद मिलने की शर्त पर ही समर्थन दिए जाने की चर्चा है। फिर सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों और प्रोजेक्टों में दोनों की सहमति-असहमति भी काफी मायने रखेगी। इनकी सहमित के बिना कई फैसले लेने और प्रोजेक्ट पूरे करने में अड़चन आ सकती है। यह भी पढ़ें:एक कैंडिडेट, पहले हारे फिर जीते; री-काउंटिंग में दिलचस्प हुआ गेम, सिर्फ 48 वोट के अंतर से विजेता बने


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