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‘मिशन 400 पार’ की राह नहीं होगी आसान, BJP को ढहाना होगा यह अभेद्य किला

Mission 400 Paar: पीएम मोदी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया है, लेकिन इसे हासिल करना आसान नहीं रहने वाला है। इसके लिए बीजेपी और एनडीए को सबसे बड़ी बाधा को पार करना होगा। वह बाधा कौन-सी है, आइए जानते हैं...

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Mar 10, 2024 14:12
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BJP Lok Sabha Election 2024 Mission 400 Paar
Lok Sabha Election 2024: बीजेपी कैसे पूरा करेगी 'मिशन 400 पार'?

Mission 400 Paar Lok Sabha Election 2024:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही लोकसभा चुनाव 2024 में ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा दिया हो, लेकिन यह आसान नहीं रहने वाला है। इसके लिए बीजेपी को उन 161 हारी हुई सीटों पर भी भगवा फहराना होगा, जहां पार्टी को पिछले चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इन सीटों में से ज्यादातर दक्षिण भारत की सीटें हैं, जहां पार्टी के लिए जीत दर्ज करना हमेशा से टेढ़ी खीर रहा है। इसके अलावा, हिंदी पट्टी के राज्यों में भी 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा।

पीएम मोदी ने बीजेपी के लिए 370 पार का दिया नारा

पीएम मोदी ने इस बार बीजेपी के लिए 370 पार, जबकि एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया है। इस बात को उन्होंने संसद में भी दोहराया था। प्रधानमंत्री का मानना है कि अगर हर बूथ में से पिछली बार की अपेक्षा इस बार 370 ज्यादा वोट भी मिल जाए तो 400 पार के लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाएगा।

161 सीटों पर बीजेपी का फोकस

बीजेपी का फोकस इस बार 161 उन सीटों पर है, जहां उसे पिछली बार हार का सामना करना पड़ा। इन सीटों पर विपक्ष के नेताओं का बोलबाला रहा है। जब दिल्ली में बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था तो उस समय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि सभी हारी हुई सीटों का केंद्रीय मंत्रियों ने 430 बार दौरा किया है। स्थानीय संगठन ने भी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। केंद्र की योजनाओं को लागू कराया गया और बड़ा लाभार्थी वोटबैंक तैयार किया गया। बीजेपी का मानना है कि इनमें से 100 से अधिक सीटों पर उसे जीत मिलने की संभावना है।

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कैसे पूरा होगा मिशन 400 पार का लक्ष्य?

बीजेपी रणनीतिकारों का मानना है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार के काम भी लोगों को धरातल पर दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में उसे उन सीटों पर नुकसान होने की आशंका नहीं है, जहां उसने पिछली बार जीत दर्ज की थी। अगर दक्षिण भारत के राज्यों और पंजाब की सीटों पर पार्टी को जीत मिलती है तो मिशन 400 पार का लक्ष्य आसानी से पूरा हो जाएगा। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती वाले राज्य केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु हैं। केरल और आंध्र प्रदेश में तो पार्टी के एक भी सांसद नहीं हैं।

दक्षिण भारत में लोकसभा की कुल कितनी सीटें हैं?

दक्षिण भारत के पांच राज्यों में लोकसभा की कुल 129 सीटें हैं। इसमें से तमिलनाडु में 39, कर्नाटक में 28, आंध्र प्रदेश में 25, तमिलनाडु में 27 और केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं। पिछली बार बीजेपी को सिर्फ 29 सीटों पर ही जीत मिली थी। उसका कर्नाटक में प्रदर्शन शानदार रहा था। पार्टी को आंध्र प्रदेश की 25, केरल की 20 और तमिलनाडु की 39 सीटों में से किसी पर भी जीत नहीं मिली। उसे कर्नाटक की 28 सीटों में से 25 और तेलंगाना की 17 सीटों में से 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

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First published on: Mar 10, 2024 02:03 PM

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