दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार
Lok Sabha Election 2024 BJP Target Review: जिस तरीके से INDIA गठबंधन बनने से पहले बिखर रहा है और NDA तेजी से एकजुट हो रहा है, उससे एक बात स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी या NDA तीसरी बार सरकार बना सकती है, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। रिजल्ट जो भी आए, पर देश में इस तरह की चर्चा आम हो चली है कि टफ टास्क मास्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर 370 सीटें जीतने का जो लक्ष्य दिया है, वह आसान भी नहीं है।
19th Lok Sabha Elections might be around 2027-28.
---विज्ञापन---If One Nation, One Election and delimitation work are done on time.
This might be the reason why the BJP is forming multiple alliances across the state to ensure a smooth process. pic.twitter.com/gUCVnbbAnF
— Satya (@SThinkTnereffid) February 19, 2024
आसानी से 370 सीटें जीतना मुमकिन भी नहीं
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें अकेले दम पर जीती थीं। इसका मतलब यह हुआ कि कम से कम 67 अतिरिक्त सीटें जीतने का लक्ष्य प्रधानमंत्री ने दे दिया है। NDA को उस चुनाव में कुल 353 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी 370 सीटें आसानी से नहीं जीत पाएगी। वोट प्रतिशत बढ़ सकता है। कई सीटों पर जीत का अंतर बढ़ सकता है। राज्यों की जो वर्तमान स्थिति है, वह सीटों के नंबर बढ़ने की इजाजत नहीं देती। हालांकि, भाजपा के पास नारा है- मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन नारे और हकीकत में फर्क होता है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारत, भारतीयता और भारत के ज्ञान के ब्रांड एम्बेसडर बनकर विश्व में सम्मान दिलाने का काम किया है।
– केन्द्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी।#RajasthanWelcomesShah pic.twitter.com/CTtm6fTfvq
— Ujjval jain (@UjjvalJainBjp) February 20, 2024
पिछले चुनाव में काफी जोश से भरी थी भाजपा
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत कुछ ऐसा हुआ था, जो भाजपा को उत्साह से भर देता है, क्योंकि अनेक राज्यों में पार्टी ने सर्वोत्तम प्रदर्शन किया था। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा में सभी सीटें BJP ने ही जीतीं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में यत्र-तत्र एक-दो सीटें न हारी होती तो भाजपा यहां भी 100 में से 100 नंबर लाने वाली थी। ऐसे में इन राज्यों में कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं होने वाला। एक-दो सीट इधर या उधर और बस गेम ओवर।
साहसिक फैसलों और दूरगामी निर्णयों के
मोदी सरकार के 10 साल…#TabhiTohSabModiKoChunteHain pic.twitter.com/DmI3hAwALf— salabh Agrawal BJP (@agrawal_salabh) February 20, 2024
उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए हो सकता मौका
हां, उत्तर प्रदेश में जरूर संभावना बनती हुई दिखाई दे रही है। 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ी थीं, तब भी NDA 64 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। इस बार राष्ट्रीय लोकदल NDA का हिस्सा है और सपा-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं तो तय है कि मतों का बंटवारा होगा। INDIA गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में क्या गुल खिलाएंगे, कुछ पता नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को राहुल गांधी की यात्रा में नहीं शामिल हुए। कहा जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर यह स्थिति बनी। आगे क्या होगा, समय बताएगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सर्वाधिक 80 सीटें हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यहां मौके हैं।
विकास और विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ रही मोदी सरकार… pic.twitter.com/vUxbxgXt4M
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) February 20, 2024
महाराष्ट्र में लिटम्स टेस्ट हो सकता भाजपा का दाव
बिहार की कुल 40 सीटों में से NDA ने 39 सीटें जीतीं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली थी। यहां स्थितियां लगभग वैसी ही हैं तो भाजपा की सीटें बढ़ने की संभावना न के बराबर है। महाराष्ट्र में भी BJP अधिकतम सीटें जीत चुकी है। कर्नाटक में 28 में से 25 सीटें BJP के खाते में हैं तो यहां भी नंबर नहीं बढ़ने जा रहे। कुछ कम हो जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की NCP को तोड़ने का क्रेडिट भाजपा के खाते में हैं। बाल साहब ठाकरे और शरद पवार, दोनों महाराष्ट्र में सर्व स्वीकार्य रहे हैं। ऐसे में भाजपा का दाव यहां लिटम्स टेस्ट भी हो सकता है। यह यह देखना काफी रोचक होगा कि महाराष्ट्र की जनता किस पर अपना प्यार लुटाती है?
3 राज्यों में भाजपा को उठानी पड़ सकती हैं मुश्किलें
दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश भाजपा के लिए अभी भी मुश्किल बने हुए हैं। यहां 2024 में खाता खोलकर भी भाजपा खुश होगी। इन तीन राज्यों से जितना फायदा होगा, आशंका बनी हुई है कि कर्नाटक में उससे ज्यादा नुकसान हो सकता है। पंजाब, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा BJP के लक्ष्य के बीच चाइना वाल की तरह खड़े हैं। इन तीन राज्यों की 76 सीटों में केवल 28 सीटें भाजपा को मिली थीं। अब इन राज्यों में भाजपा कुछ आगे भी बढ़ जाए तो भी 370 का आंकड़ा मुश्किल ही लगता है। बावजूद इसके राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं कहा जाता।
अंकों के हिसाब से विपरीत हालातों में भी अगर भारतीय जनता पार्टी 370 का आंकड़ा छू लेती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद किसी भी भारतीय राजनेता से ऊपर हो जाएगा। क्योंकि जिस तरीके से मोदी देश के अंदर और बाहर परफ़ॉर्म कर रहे हैं, वह आसान तो एकदम नहीं है। इसलिए उन्हें टफ टास्क मास्टर कहा जाता है।