---विज्ञापन---

Lok Sabha Election 2024: नाक का सवाल बना 370 का आंकड़ा, आखिर भाजपा कैसे पूरा करेगी टारगेट?

Lok Sabha Election 2024 BJP Mission 370: लोकसभा चुनाव 2024 में 370 का लक्ष्य साधना भाजपा के लिए आसान होगा या मुश्किल, इस पर विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है, जिनके मुताबिक कुछ राज्यों में भाजपा की स्थिति अच्छी है, लेकिन 370 सीटें जीतने की राह में 3 राज्य भाजपा के लिए रोड़ा बन सकते हैं, जानें और क्या हैं एक्सपर्ट?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 20, 2024 11:22
Share :
Lok Sabha Election 2024 BJP Mission 370: लोकसभा चुनाव 2024 में 370 का लक्ष्य साधना भाजपा के लिए आसान होगा या मुश्किल, इस पर विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है, जिनके मुताबिक कुछ राज्यों में भाजपा की स्थिति अच्छी है, लेकिन 370 सीटें जीतने की राह में 3 राज्य भाजपा के लिए रोड़ा बन सकते हैं, जानें और क्या हैं एक्सपर्ट?

दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

Lok Sabha Election 2024 BJP Target Review: जिस तरीके से INDIA गठबंधन बनने से पहले बिखर रहा है और NDA तेजी से एकजुट हो रहा है, उससे एक बात स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी या NDA तीसरी बार सरकार बना सकती है, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। रिजल्ट जो भी आए, पर देश में इस तरह की चर्चा आम हो चली है कि टफ टास्क मास्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर 370 सीटें जीतने का जो लक्ष्य दिया है, वह आसान भी नहीं है।

---विज्ञापन---

 

आसानी से 370 सीटें जीतना मुमकिन भी नहीं

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटें अकेले दम पर जीती थीं। इसका मतलब यह हुआ कि कम से कम 67 अतिरिक्त सीटें जीतने का लक्ष्य प्रधानमंत्री ने दे दिया है। NDA को उस चुनाव में कुल 353 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी 370 सीटें आसानी से नहीं जीत पाएगी। वोट प्रतिशत बढ़ सकता है। कई सीटों पर जीत का अंतर बढ़ सकता है। राज्यों की जो वर्तमान स्थिति है, वह सीटों के नंबर बढ़ने की इजाजत नहीं देती। हालांकि, भाजपा के पास नारा है- मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन नारे और हकीकत में फर्क होता है।

 

पिछले चुनाव में काफी जोश से भरी थी भाजपा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुत कुछ ऐसा हुआ था, जो भाजपा को उत्साह से भर देता है, क्योंकि अनेक राज्यों में पार्टी ने सर्वोत्तम प्रदर्शन किया था। दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और हरियाणा में सभी सीटें BJP ने ही जीतीं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में यत्र-तत्र एक-दो सीटें न हारी होती तो भाजपा यहां भी 100 में से 100 नंबर लाने वाली थी। ऐसे में इन राज्यों में कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं होने वाला। एक-दो सीट इधर या उधर और बस गेम ओवर।

 

उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए हो सकता मौका

हां, उत्तर प्रदेश में जरूर संभावना बनती हुई दिखाई दे रही है। 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल जैसी पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ी थीं, तब भी NDA 64 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। इस बार राष्ट्रीय लोकदल NDA का हिस्सा है और सपा-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं तो तय है कि मतों का बंटवारा होगा। INDIA गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में क्या गुल खिलाएंगे, कुछ पता नहीं है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को राहुल गांधी की यात्रा में नहीं शामिल हुए। कहा जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर यह स्थिति बनी। आगे क्या होगा, समय बताएगा। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सर्वाधिक 80 सीटें हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यहां मौके हैं।

 

महाराष्ट्र में लिटम्स टेस्ट हो सकता भाजपा का दाव

बिहार की कुल 40 सीटों में से NDA ने 39 सीटें जीतीं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली थी। यहां स्थितियां लगभग वैसी ही हैं तो भाजपा की सीटें बढ़ने की संभावना न के बराबर है। महाराष्ट्र में भी BJP अधिकतम सीटें जीत चुकी है। कर्नाटक में 28 में से 25 सीटें BJP के खाते में हैं तो यहां भी नंबर नहीं बढ़ने जा रहे। कुछ कम हो जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की NCP को तोड़ने का क्रेडिट भाजपा के खाते में हैं। बाल साहब ठाकरे और शरद पवार, दोनों महाराष्ट्र में सर्व स्वीकार्य रहे हैं। ऐसे में भाजपा का दाव यहां लिटम्स टेस्ट भी हो सकता है। यह यह देखना काफी रोचक होगा कि महाराष्ट्र की जनता किस पर अपना प्यार लुटाती है?

3 राज्यों में भाजपा को उठानी पड़ सकती हैं मुश्किलें

दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश भाजपा के लिए अभी भी मुश्किल बने हुए हैं। यहां 2024 में खाता खोलकर भी भाजपा खुश होगी। इन तीन राज्यों से जितना फायदा होगा, आशंका बनी हुई है कि कर्नाटक में उससे ज्यादा नुकसान हो सकता है। पंजाब, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा BJP के लक्ष्य के बीच चाइना वाल की तरह खड़े हैं। इन तीन राज्यों की 76 सीटों में केवल 28 सीटें भाजपा को मिली थीं। अब इन राज्यों में भाजपा कुछ आगे भी बढ़ जाए तो भी 370 का आंकड़ा मुश्किल ही लगता है। बावजूद इसके राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं कहा जाता।

अंकों के हिसाब से विपरीत हालातों में भी अगर भारतीय जनता पार्टी 370 का आंकड़ा छू लेती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद किसी भी भारतीय राजनेता से ऊपर हो जाएगा। क्योंकि जिस तरीके से मोदी देश के अंदर और बाहर परफ़ॉर्म कर रहे हैं, वह आसान तो एकदम नहीं है। इसलिए उन्हें टफ टास्क मास्टर कहा जाता है।

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Feb 20, 2024 11:20 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें