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‘अग्निवीर योजना रद्द करके पक्की भर्ती करेंगे’; कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का बड़ा दावा

Congress Leader Bhupesh Baghel Statement: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ रहे हैं। राजनीतिक दलों के दावों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। कांग्रेस इस बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए कमर कसे हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल ने बड़ा दावा करते हुए अग्निवीर स्कीम को लेकर कांग्रेस केा इरादों को स्पष्ट किया है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 26, 2024 14:31
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Chhattisgarh Former CM Bhupesh Baghel
Chhattisgarh Former CM Bhupesh Baghel

Lok Sabha Election 2024 Bhupesh Baghel Statement: केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनते ही अग्निवीर स्कीम को रद्द कर देंगे। तीनों सेनाओं में रेगुलर भर्ती शुरू करेंगे। यह दावा कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। उन्होंने अपने X अकाउंट पर पोस्ट लिखकर अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस के प्लान के बारे में बताया।

उन्होंने लिखा कि महतारी वंदन योजना की पात्र महिलाओं से जब विधानसभा चुनाव 2023 से पहले ही फ़ॉर्म भरवा लिए गए थे तो अब दोबारा फ़ॉर्म क्यों भरवाए जा रहे हैं? उनके अकाउंट में योजना के तहत मिलने वाले पैसे जमा हो जाने चाहिए थे। भाजपा ने पहले नौटंकी की थी या अब कर रही है? जिन महिलाओं ने पहले आवेदन किया था, उनके नाम लिस्ट से कैसे गायब हो गए?

 

क्या है अग्निवीर योजना और इसके प्रावधान?

बता दें कि जून 2022 में भारत सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा की गई थी। योजना के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में कमीशन अधिकारियों से नीचे सैनिकों की भर्ती की जाती है, जिन्हें अग्निवीर के नाम से पहचाना जाएगा। स्कीम के तहत साढ़े 17 से 23 साल की उम्र के 12वीं पास युवाओं को तीनों सेनाओं में भर्ती किया जाता है। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद साढ़े 3 साल की सर्विस देने का प्रावधान योजना के तहत किया गया है।

अग्निपथ योजना के अनुसार, शुरुआत में अग्निवीरों को 30 हजार रुपये सैलरी दी जाती है, जो आखिरी साल तक 40 हजार तक पहुंच जाती है। 4 साल बाद 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर कर दिया जाएगा और करीब 10 से 12 लाख फंड मिलेगा। भर्ती होने वाले अग्निवीरों को देश के अलग-अलग इलाको में नियुक्ति दी जाती है। बाकी बचे 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी कमीशन दे दिया जाएगा। कौन रिटायर होंगे, इसका फैसला कुछ नियमों के तहत किया जाएगा।

 

अग्निवीर भर्ती को लेकर क्यों छिड़ा है विवाद?

जब भाजपा सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की थी तो पूरे देश में इसका विरोध हुआ था। नौजवान सड़कों पर उतर गए थे। बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में हिंसा तक हुई थी। स्कीम को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे, जैसे स्कीम की जरूरत क्यों पड़ी?

75 प्रतिशत अग्निवीर क्यों रिटायर किए जाएंगे? कम उम्र में अग्निवीर बनेंगे और जल्दी रिटायर होंगे। उसके बाद युवाओं के भविष्य का क्या होगा? उन्हें फिर से नई नौकरियां तलानी होंगी। शुरुआत में हर साल सिर्फ 50 हजार भर्तियां करने की घोषणा पर विवाद हुआ था। भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 रखी गई है, लेकिन जो पहले से भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा हैं और 23 से ज्यादा उम्र के हैं, उनके साथ नाइंसाफी हो गई।

स्कीम के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को शहादत पर सलामी देने का प्रावधान नहीं है। अग्निवीर स्कीम के तहत भर्ती करते समय धर्म और जाति का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। नेपाल ने भी स्कीम का विरोध करते हुए सवाल उठाए थे कि अगर गोरखा रेजीमेंट में नेपाली भर्ती किए जाएंगे और उन्हें बिना पेंशन के 4 साल में रिटायर कर दिया जाएगा तो स्कीम लागू करने से पहले नेपाल से बात क्यों नहीं की गई? इसके जवाब में भारतीय सेना की तरफ से स्पष्ट किया गया था कि नेपालियों की भर्ती प्रक्रिया पहले वाली ही रहेगी।

 

First published on: Feb 26, 2024 01:30 PM

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