UPSC Lateral Entry: लेटरल एंट्री भर्ती पर रोक के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने लेटरल एंट्री भर्ती को वापस करके यह साबित किया कि वे पूरे समाज के लिए चिंतित रहते हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने लेटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए यूपीएससी को लेटर लिखा। बता दें कि सरकार के लेटर के बाद यूपीएससी ने ये विज्ञापन वापस ले लिया है।
“…I urge the UPSC to cancel the advertisement for the lateral entry recruitment issue on August 17, 2024. This step would be a significant advance in the pursuit of social justice and empowerment.” – reads the letter written by Minister for the Department of Personnel and… pic.twitter.com/yj2cNc3Vb8
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 20, 2024
चिराग पासवान ने जताई थी आपत्ति
चिराग पासवान ने इससे पहले इस विज्ञापन पर आपत्ति जताते हुए मीडिया में बयान दिया था। अब यूपीएससी के इस विज्ञापन को वापस लेने के बाद उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री में आरक्षण के प्रावधानों का ध्यान नहीं रखा गया और ये बात पीएम मोदी तक पहुंचाई गई थी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने पीएम कार्यालय समेत अलग-अलग संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी थी और इससे संबंधित दस्तावेज उनके समक्ष पेश किए थे।
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पीएम ने बड़े वर्ग की चिंता की
चिराग पासवान का कहना था कि मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज के सभी जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को समझा और इस फैसले को वापस लेने का काम किया। चिराग पासवान बोले की मैं देशवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसके लिए धन्यवाद करता हूं। पीएम ने एक बड़े वर्ग का चिंता करते हुए नियुक्तियों को रद्द करने का काम किया गया।
केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम
बता दें कि केंद्र सरकार ने संयुक्त सचिव और संयुक्त सह सचिव के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इस मुद्दे पर पहले विपक्ष ने मोर्चा खोला और बाद में एनडीए सहयोगियों ने भी फैसले की आलोचना की थी। इसके बाद मंगलवार की दोपहर केंद्र सरकार की ओर से लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती प्रक्रिया रोकने की जानकारी दी गई।