---विज्ञापन---

केरल के प्रोफसर का हाथ काटने का मामला: NIA कोर्ट ने 3 को सुनाई उम्रकैद, हमले को आतंकी वारदात बताया

Kerala Professor Hand Chopping Case: केरल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने प्रोफेसर टी जोसेफ का हाथ काटने के मामले में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। राजधानी कोच्चि की अदालत ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों साजिल, नसर, नजीब, नौशाद, मोयदीनकुंजू और अयूब को दोषी […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 13, 2023 17:47
Share :
Kerala Professor Hand Chopping Case, NIA Court Decision, TJ Joseph
Kerala Professor Hand Chopping Case

Kerala Professor Hand Chopping Case: केरल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने प्रोफेसर टी जोसेफ का हाथ काटने के मामले में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। राजधानी कोच्चि की अदालत ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों साजिल, नसर, नजीब, नौशाद, मोयदीनकुंजू और अयूब को दोषी पाया था। पांच अन्य बरी कर दिए गए थे।

गुरुवार को जस्टिस अनिल के भास्कर ने साजिल, नसर और नजीब को कठोर गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), आईपीसी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है। कोर्ट ने प्रोफेसर पर हमले को आतंकी वारदात करार दिया है।

---विज्ञापन---

प्रोफेसर बोले- मुझ पर फैसले का कोई असर नहीं

प्रोफेसर जोसेफ ने कहा कि कोर्ट के फैसले से उन पर कोई असर नहीं हुआ है। किसी दोषी को सजा देने का मतलब पीड़ित को न्याय दिलाना नहीं है। जो लोग दोषी ठहराए गए, या जिन्हें सजा हुई, वे धार्मिक कट्टरपंथियों के प्रभाव में थे। मेरा मानना है कि इस साजिश और आतंक के पीछे के असली अपराधी अभी भी बड़े पैमाने पर हैं। उन्होंने पिछले 13 वर्षों से फरार मुख्य आरोपी सावद का पता लगाने में केरल पुलिस की असमर्थता पर भी नाखुशी व्यक्त की।

असली अपराधी अभी बाहर

एनआईए के पूर्व अधिकारी टीके राजमोहन ने कहा कि वह फैसले से खुश हैं। यह उन सभी युवाओं के लिए एक सबक है जो धार्मिक कट्टरपंथियों के बहकावे में आ जाते हैं। मैं उस टीम का हिस्सा था जिसने प्रोफेसर के आतंक का शिकार होने के बाद सबसे पहले उनसे मुलाकात की थी। अधिकारी ने कहा कि न्याय तभी पूरा होगा जब सवाद गिरफ्तार हो जाएगा।

प्रार्थना के बाद घर लौटते वक्त हुआ था हमला

प्रोफेसर जोसेफ का हाथ जुलाई 2010 में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के सदस्यों ने काट दिया था। उन पर बीकॉम की परीक्षा के लिए पेपर बनाने में एक धर्म विशेष का अपमान करने का आरोप लगा था। जोसेफ उस समय 52 वर्ष के थे। कोच्चि से 60 किमी पूर्व में थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज में मलयालम भाषा पढ़ाते थे। वह थोडुपुझा से 20 किमी दूर मुवत्तुपुझा में रविवार की प्रार्थना सभा के बाद मां और बहन के साथ घर जा रहे थे। तभी रास्ते में पीएफआई सदस्यों ने उनकी गाड़ी कार रोकी। प्रोफेसर को वाहन से बाहर खींच लिया। तभी मुख्य आरोपी सवाद ने उनके दाहिने हाथ का पंजा काट दिया। डॉक्टर ने सर्जरी कर उनका पंजा जोड़ दिया था।

अगस्त 2010 में जोसेफ के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के एक महीने बाद कॉलेज ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। जोसेफ की पत्नी सलोमी अवसाद में चली गईं और 2014 में उन्होंने सुसाइड कर लिया।

यह भी पढ़ें: Assam:क्या कोई कांग्रेसी अपनी बेटी शादीशुदा पुरुष को सौंपेगा?, असम के CM ने पूछा सवाल, बोले- बहुविवाह पर लगाएंगे रोक

HISTORY

Edited By

Bhola Sharma

First published on: Jul 13, 2023 05:47 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें