Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने तुमकुरु जिले के कुनिगल में हुई एक बाइक दुर्घटना के मामले में ट्रिब्यूनल द्वारा दिए उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें कहा गया था कि बाइक पर सबसे पीछे बैठने वाला व्यक्ति तीसरा यात्री है, लेकिन वह तीसरी पार्टी नहीं है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बाइक चलाने वाले व्यक्ति को मुआवजे के पैसे देने का निर्देश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति सीएम जोशी की हाईकोर्ट बेंच ने दिया।
लापरवाही से हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, मामला साल 2011 का है। 24 मार्च 2011 को सिद्दीकुल्ला खान नामक व्यक्ति निसामुद्दीन नामक व्यक्ति की बाइक पर पीछे बैठा हुआ था। निसामुद्दीन बाइक को तेज रफ्तार और लापरवाही से ड्राइव कर रहा था, जिसकी वजह से बाइक हादसे का शिकार हो गई और खाई में गिर गई। इस हादसे में सिद्दीकुल्ला खान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए बेंगलुरु ले जाया गया, लेकिन यहां 26 मार्च 2011 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
ट्रिब्यूनल का फैसला आया
सिद्दीकुल्ला खान की मौत के बाद उसके परिवार ने ट्रिब्यूनल से संपर्क किया और राहत राशि के रूप में 15 लाख रुपये की मांग की। ट्रिब्यूनल ने साल 2017 में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 6 प्रतिशत ब्याज के साथ 7,27,114 रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया। ट्रिब्यूनल के इस आदेश को बीमाकर्ता और सिद्दीकुल्ला खान के परिवार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
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बीमाकर्ता और परिवार का पक्ष
बीमाकर्ता ने कहा कि यह एक ‘एक्ट-ऑनली-पॉलिसी’ थी। इसलिए बाइक के पीछे बैठने वाले यात्री को कवर नहीं किया गया। वहीं मृतक के परिवार का कहना है कि ट्रिब्यूनल ने उनकी याचिका का ठीक से मूल्यांकन नहीं किया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस सीएम जोशी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हादसा निसामुद्दीन की लापरवाही की वजह से हुई है। इसलिए बाइक का मालिक ही मृतक के परिवार का मुआवजे का पैसा देगा।
एक्ट-ऑनली-पॉलिसी
‘एक्ट-ऑनली-पॉलिसी’ में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि पीछे बैठने वाले यात्री को पॉलिसी के तहत कवर किया गया है।