Kapil Sibal Unwell in the Supreme Court, Chief Justice stops hearing: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इलेक्टोरल ब्रॉन्ड (गुमनाम फंडिंग) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही थी। तभी सीनियर वकील कपिल सिब्बल की अचानक तबियत खराब हो गई। ऐसे में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को कुछ देर के लिए सुनवाई रोकनी पड़ी। केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मदद के लिए आगे आए।
चाय-नाश्ते का हुआ इंतजाम
दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनौती देने के लिए चार याचिकाएं दाखिल हैं। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व सीनियर वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में कर रहे हैं। गुरुवार को सुनवाई के तीसरे दिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और चीफ जस्टिस के बीच सवाल-जवाब हो रहा था। तभी अचानक तुषार मेहता रुके और पलटे। कपिल सिब्बल ने उन्हें कुछ बताया। तभी चीफ जस्टिस ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या हुआ? मेहता ने जवाब दिया कि कुछ व्यक्तिगत मामला है, इसका सुनवाई से कोई लेना-देना नहीं है।
तुषार मेहता ने अदालत को दिया अपडेट
तुषार मेहता ने बताया कि कपिल सिब्बल की तबियत ठीक नहीं है। उन्हें अपना चैंबर इस्तेमाल करने की पेशकश की है, ताकि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हो सकें। सिब्बल के लिए कुछ चाय-नाश्ते का इंतजाम किया गया है। इतना सुनते ही चीफ जस्टिस भी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के कॉन्फ्रेंस रूम में बैठकर वीडियो लिंक के जरिए सुनवाई में शामिल हो सकते हैं। कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस के प्रस्ताव को स्वीकार किया और लंच के बाद दोबारा जिरह के लिए अदालत लौटे।
बहस के दौरान कपिल सिब्बल और तुषार मेहता के बीच छिड़ी दिलचस्प जंग
बहस के दौरान सीनियर वकील कपिल सिब्बल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच दिलचस्प जंग देखने को मिली। मेहता ने कहा कि कांग्रेस को चंदा देने वाला कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहेगा कि इसका पता भाजपा को चले। यदि सिब्बल के लिए यह सुविधाजनक है तो मान लीजिए कि मैं कांग्रेस को फंड देता हूं तो मैं नहीं चाहूंगा का भाजपा को पता चले। क्योंकि वह आने वाले दिनों में सरकार बना सकती है।
सिब्बल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मेरा विद्वान मित्र भूल गया है कि अब मैं कांग्रेस का सदस्य नहीं हूं। सॉलिसिटर जनरल ने तब कहा कि सिब्बल मध्य प्रदेश के एक कांग्रेस नेता की ओर से अदालत में पेश हुए थे। सिब्बल ने तुरंत जवाब दिया कि जब श्री मेहता सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, तो जरूरी नहीं कि वह भाजपा के सदस्य हों। मेहता ने उत्तर दिया कि बिल्कुल नहीं और सिब्बल ने कहा कि तो मैं भी नहीं हूं।
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