Kailash Mansarovar Darshan Flight: कैलाश-मानसरोवर दर्शन के लिए जाने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। अब यहां के लिए फ्लाइट शुरू हो चुकी है। यह फ्लाइट नेपालगंज से उड़ान भरेगी। जानकारी के अनुसार 29 जनवरी को पहला चार्टर्ड प्लेन कुल 38 श्रद्धालुओं को लेकर रवाना हो चुका है। यह उड़ान पहुंचने में लगभग 1.5 घंटे का समय लेगी। इस दौरान रास्ते में लोगों को कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का बेहतरीन हवाई व्यू देखने का आनंद मिलेगा। यह फ्लाइट जमीन से करीब 27000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरेगी।
53 Km पैदल चलना पड़ता है
जानकारी के अनुसार कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है। यह तिब्बत में स्थित है और भारत से उत्तराखंड के रास्ते लोग यहां पहुंचते हैं। यहां पहुंचने के लिए करीब 53 Km पैदल चलना पड़ता है। इस यात्रा में कुल करीब 10 से 25 दिन का समय लगता है। उत्तराखंड टूरिज्म के अनुसार हर साल जून से सितंबर तक यह तीर्थयात्रा की जा सकती है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए जाते हैं। जानकारी के अनुसार अब नेपाल की एक प्राइवेट एविएशन कंपनी ने कैलाश-मानसरोवर दर्शन के लिए उड़ान शुरू की है। यह फ्लाइट नेपालगंज से उड़ान भरेगी। अभी तक लोग यहां जानें के लिए काठमांडू जाते थे।
नेपालगंज से सिमिकोट तक उड़ान
अगर आपको यह यह उड़ान लेनी है तो नेपालगंज जाना होगा। जानकारी के अनुसार यह उड़ान श्री एयरलाइन ने शुरू की है। टिकट बुक करने के लिए आपको ऑनलाइन एयरलाइन की वेबसाइट पर जाना होगा। कैलाश-मानसरोवर के 10 और 12 दिन समेत अलग-अलग यात्रा पैकेज हैं। नेपालगंज से आपको उड़ान से सिमिकोट ले जाया जाएगा।
हर साल करीब 12 हजार यात्री कैलाश मानसरोवर जाते हैं
जानकारी के अनुसार हर साल करीब 12 हजार यात्री कैलाश मानसरोवर जाते हैं। यहां आपको बता दें कि नेपाल की तरफसे कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले लोगों को पहले काठमांडू तक जाना होता है। अगर अब लोग फ्लाइट लेना चाहते हैं तो आपको नेपालगंज जाना होगा। जानकारी के अनुसार कैलाश की सबसे ऊंची चोटी करीब 6675 मीटर ऊंची है । जानकारी के अनुसार कैलाश-मानसरोवर जाने वाले को भारत का नागरिक होना चाहिए। इसके अलनावा उसकी न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए। इसके अलावा जाने वाले के पास 6 महीने का वैध भारतीय पासपोर्ट होना अनिवार्य है। जाने वाले का पहले आईटीबीपी बेस हॉस्पिटल और रास्ते में मेडिकल टेस्ट होता है।