Jwala Gutta Breast Milk Donation: ज्वाला गुट्टा एक भारतीय बैडमिंटन प्लेयर हैं. वे हमेशा अपने गेम के लिए चर्चाओं में आती थीं, मगर इस बार किसी और काम के लिए उनकी चर्चा हो रही है. दरअसल, उन्होंने हाल ही में 30 लीटर ब्रेस्ट मिल्क डोनेट किया है. ये काम उन्होंने अपने दूसरे बेबी की डिलीवरी के बाद किया है. ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के भारत में क्या नियम होते हैं? क्या हर महिला ये काम कर सकती है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको इस रिपोर्ट में देंगे.
क्या कोई भी ब्रेस्ट मिल्क डोनेट कर सकता है?
भारत में ब्रेस्ट मिल्क डोनेट करने के पीछे कड़े नियम हैं, मगर उनका पालन करना मुश्किल भी नहीं है. सबसे पहले तो यह कि मां का दूध सिर्फ वही महिला दे सकती है, जिसका प्रसव हुआ हो. यह महिला शादीशुदा या गैर शादीशुदा, दोनों हो सकती है. 18 वर्ष से अधिक महिला की आयु का होना जरूरी होता है. महिला को कोई जटिल बीमारी नहीं होनी चाहिए.
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कौन सी महिलाएं करती हैं मिल्क डोनेट?
स्तनपान दूध का दान करने के लिए महिला को कैंसर, शुगर, कोविड, एड्स और HPV का संक्रमण नहीं होना चाहिए. महिला का बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और उसकी दूध की जरूरत पूरी होने के बाद ही दूध का दान किया जा सकता है. मिल्क डोनेशन के लिए मां का दूध नेचुरल तरीके से ही उत्पादन होना चाहिए. अगर कोई महिला किसी भी तरह की दवा या सप्लीमेंट की मदद से मिल्क प्रोडक्शन बढ़ा रही है, तो इसे गैरकानूनी माना जाएगा.
क्या है ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन का प्रोसेस?
भारत में ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन के लिए आपको मिल्क बैंक से संपर्क करना होता है. देश में फिलहाल 100 मिल्क बैंक ही हैं, जो जरूरत के हिसाब से काफी कम हैं. वहीं, सरकारी मिल्क बैंक की बात करें तो देश में मात्र 2 सरकारी सेंटर्स हैं और वो भी दिल्ली में. दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल और एम्स में मिल्क बैंक डोनेशन सेंटर हैं.
ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत किन बच्चों को होती है?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल की डॉक्टर सुषमा नांगिया बताती हैं कि जो महिला दूध का दान करती है, उनके दूध की गुणवत्ता की भी जांच होती है. इसलिए, वह उत्तम श्रेणी का दूध माना जाता है. डोनेशन वाले दूध की जरूरत उन बच्चों को होती है जो NICU में रहते हैं. एनआईसीयू का मतलब होता है नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट. यहां प्रीमैच्योर बच्चों को रखा जाता है. कई बार बेबी समय से पहले डिलीवर हो जाता है, इसलिए उनकी मां का शरीर दूध का निर्माण नहीं कर पाती हैं. ऐसे केस में अस्पताल बाहर से ब्रेस्ट मिल्क खरीदते हैं ताकि बच्चों को फीड करवाया जा सके.
क्या सिर्फ अस्पतालों को ही ब्रेस्ट मिल्क दिया जाता है?
नहीं, अगर किसी का बेबी अंडरवेट होता है तो ऐसे माता-पिता भी मिल्क बैंक से ब्रेस्ट मिल्क खरीद सकते हैं. इसके लिए मिल्क बैंक एक स्पेशल किट का प्रयोग करती है. दूध खरीदने के लिए मेडिकल प्रेस्क्रिपशन की जरूरत होती है. इसके आधार पर ही दूध खरीदा जा सकता है.
कैसे किया जाता है ब्रेस्ट मिल्क को स्टोर?
ब्रेस्ट मिल्क की शेल्फ लाइफ 3 महीने की होती है. दूध को स्टेरलाइज पंप के जरिए निकाला जाता है और फिर -20 डिग्री सेल्सियस पर फ्रीज में स्टोर करके रखा जाता है. दूध को फ्रीज में रखने से पहले पैश्चराइजिंग प्रोसेस से गुजारा जाता है. इससे दूध में मौजूद तत्व नष्ट होने से बचते हैं.
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