Joshimath Crisis: जोशीमठ में आई त्रासदी ने हजारों परिवारों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया। दरार वाले घरों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। असुरक्षित भवनों की संख्या 863 हो गई है। सारी समस्याओं के बीच अब जोशीमठ पर बिजली सप्लाई की संकट गहरा सकती हैं।
मुडने लगे बिजली के खंभे
जोशीमठ में करीब 70 बिजली के खंभे और कुछ ट्रांसफार्मर झुकना शुरू हो गए हैं। इस समस्या को देखते हुए जोशीमठ में मौजूद उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी भी एक्टिव हो गए हैं। जोशीमठ शहर में संभावित बिजली आपूर्ति की समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है। UPCL के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि 33/11kv क्षमता का एक सब-स्टेशन पानी के रिसाव वाली जगह से लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित है।
जोशीमठ पर मौसम की मार
भू-धंसाव के बाद जोशीमठ पर मौसम की मार पड़ी है। बारिश और बर्फबारी के ने मुश्किलें बढ़ाई हैं। गुरुवार रात से ही जोशीमठ क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी हो रही है, जो शुक्रवार को दिनभर रुक-रुककर जारी रही। इसके चलते दो होटलों समेत 20 भवनों की डिस्मेंटलिंग का काम नहीं हो पाया। इसके पहले डिस्मेंटलिंग के चलते हाईवे के इस हिस्से पर वाहनों की आवाजाही बंद की गई थी।
बारिश के कारण घरों और उसरे आस-पास पड़ी दरारों में पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे भूस्खलन का डर है।