नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। मांझी और शाह की ये मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है जब नीतीश कुमार भी दिल्ली में हैं और विपक्षी को एकजुट करने में लगे हैं। नीतीश कुमार ने देश के कई पार्टियों के प्रमुखों के साथ बैठक की है। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मांझी की मुलाकात ने सियासी अटकलबाजियों को तेज कर दिया।
अमित शाह से क्यों मिले मांझी?
हालांकि सारी अटकलों को खुद मांझी ने खारिज किया। अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें तो यह बेहद स्वर्णिम होगा। मांझी ने कहा, मैं साफ कर देता हूं कि जो राजनीति में कभी नहीं हुई है वह बात हमने की है। हमने भावुक कसम खाई है कि हम नीतीश कुमार के साथ रहेंगे, इसके बाद भी कोई सवाल उठाता है तो मैं समझता हूं कि यह बेईमानी है। मैं नीतीश कुमार के साथ हूं और रहूंगा, इसमें कहीं कोई दो मत नहीं है।
#WATCH | There is no question of it (joining NDA). I've taken a vow that I will stay with Nitish Kumar. Nitish Kumar has all the qualities to become a PM. He is making an honest effort to unite the opposition parties: Former Bihar CM Jitan Ram Manjhi pic.twitter.com/3jJoSmFEyR
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 13, 2023
नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने और उनकी क्षमता के सवाल पर मांझी ने कहा, नीतीश कुमार में सारी क्षमताएं हैं, योग्यताएं हैं, अनुभव और इमानदारी है। आज तक बेईमानी की कोई उंगली नहीं उठी है। अगर भारत के प्रधानमंत्री के लिए विरोधी दल के लोग उनका नाम लेते हैं तो इससे अच्छा नाम नहीं हो सकता।
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बिहार का सियासी पारा बढ़ेगा?
मांझी की पार्टी नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में शामिल है, ऐसे में उनकी अमित शाह से मुलाकात के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे है। हालांकि उन्होंने इसे गलत बताया। मांझी ने इसे गैर-राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा कि “माउंटेन मैन” दशरथ मांझी और बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग को लेकर अमित शाह से मिले।