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कौन हैं जया ठाकुर? लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को दिलाई बड़ी ‘जीत’

Who Is Jaya Thakur: कांग्रेस नेता जया ठाकुर मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। वह इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खिलाफ याचिकाएं दाखिल करने वाले लोगों में से एक हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 15, 2024 13:32
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Jaya Thakur comments on Electoral Bonds
Jaya Thakur

Who Is Jaya Thakur : चुनावी बॉन्ड्स की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया। शीर्ष अदालत ने इस योजना को असंवैधानिक और इन्फॉरमेशन एक्ट का उल्लंघन करने वाला बताया है। इस फैसले ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया है तो कांग्रेस को एक तरह से जीत दी है। दरअसल, चुनावी बॉन्ड्स की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में से एक कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दाखिल की थी। पढ़िए जया ठाकुर कौन हैं और उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा है।

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पति हैं सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जया ठाकुर ने कहा कि यह निर्णय पॉलिटिकल फंडिंग में पारदर्शिता लाएगा और लोगों के हित सुरक्षित करेगा। जया ठाकुर पेशे से डॉक्टर हैं और कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ी रहने के साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रही हैं। मध्य प्रदेश के सागर जिले की रहने वाली जया ठाकुर की शादी दमोह में हुई है। बता दें कि उनके पति वरुण ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं। चुनावी बॉन्ड्स के अलावा भी कई बड़े मामलों को वह सुप्रीम कोर्ट में उठा चुकी हैं।

सुप्रीम फैसले पर क्या बोलीं जया

चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि पारदर्शिता लोकतंत्र में सबसे जरूरी है। जब चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी से उसकी पढ़ाई-लिखाई, संपत्ति, अपराध समेत कई तरह की जानकारी मांगी जाती है तो राजनीतिक दलों को इस तरह की राहत किसलिए दी जा रही है। राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हमारे लिए बड़ी जीत है।

इन मामलों में भी उठाई आवाज

जया ठाकुर चुनावी बॉन्ड के मामले में याचिका डालने से पहले कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी हैं। इससे पहले उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्ति की नियुक्ति से संबंधित नियम, ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण और महिला आरक्षण के मामले में भी याचिका दायर कर चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि उन्हीं की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हर स्कूल में मुफ्त सैनिटरी पैड बांटने और हर स्कूल में लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट को लेकर केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए थे।

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Gaurav Pandey

First published on: Feb 15, 2024 01:32 PM

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