Nirmala Sitharaman: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के तीन साल बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केंद्र और राज्य संबंधों पर बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर के बारे में अहम बात कही। बता दें कि 370 हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म हो गया था जिसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
#WATCH | …PM Modi fully accepted the Finance Commission (report) and that is why today states get 42% of the amount (tax collected)–now reduced by 41% because J&K is no longer a state. It will soon become… may be some time: Finance Minister Nirmala Sitharaman (05.11) pic.twitter.com/IahVNgxU4p
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 6, 2022
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014-2015 में 14 वें वित्त आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया था। राज्यों को कुल कर संग्रह का 42 फीसदी वित्त आयोग के जरिये दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने से यह प्रतिशत एक फीसदी घट गया है, जो फिर 42 फीसदी हो सकता है, क्योंकि जल्द ही या फिर कुछ समय में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल सकता है। वित्त वर्ष 2014-15 से पूर्व यह केवल 32 फीसदी था।
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू और कश्मीर में जल्द ही पहली बार विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। इस बीच, गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने के मुद्दे पर विपक्षी दलों में हड़कंप मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कई विपक्षी दलों के गठबंधन पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (PAGD) के अध्यक्ष, डॉ फारूक अब्दुल्ला इस संबंध में बैठकें कर रहे हैं।