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जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति की रेस में शामिल हैं ये नाम, यहां देखें लिस्ट

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों के अलावा भीतरखाने की नाराजगी, असहमति और सरकार के साथ टकराव की बातें सामने आ रही हैं। राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, थावरचंद गहलोत, हरदीप पुरी, ओम माथुर, एल. गणेशन और आरिफ मोहम्मद खान जैसे नाम नए उपराष्ट्रपति के लिए चर्चा में हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jul 22, 2025 17:37
jagdeep Dhankhar
उपराष्ट्रपति की रेस में कौन-कौन से नाम शामिल

उपराष्ट्रपति के पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस इस्तीफे के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया है। इसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है। वहीं, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनकी कुछ नेताओं के साथ नाराजगी की भी चर्चा हो रही है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जगदीप धनखड़ के बाद देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? कुछ नामों पर चर्चा जोर-शोर से चल रही है।

तमाम नामों की चर्चाओं के बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। हरिवंश नारायण सिंह के उपराष्ट्रपति बनने की चर्चा सबसे अधिक हो रही है। हरिवंश नारायण सिंह के पास संसद की कार्यवाही चलाने का अनुभव भी है।

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संभावित नामों की सूची में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर, एल. गणेशन और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जैसे नेताओं का नाम शामिल है। बीजेपी इस बार राजनीतिक संदेश और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर नया नाम तय कर सकती है।


माना जा रहा है कि जगदीप धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ ‘स्वास्थ्य कारण’ से नहीं, बल्कि भीतरखाने की सियासी असहमतियों और असंतुलन का नतीजा भी हो सकता है। अब सबकी नजर नए चेहरे पर टिकी है, जो NDA की रणनीति का अगला संकेत होगा।

खबर यह भी है कि धनखड़ बीजेपी नेतृत्व से कुछ समय से असंतुष्ट थे। हाल ही में उन्होंने राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई, लेकिन न तो बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पहुंचे और न ही केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू। धनखड़ इससे खासे नाराज बताए जा रहे हैं। इसको लेकर सूत्रों के हवाले से बताया गया कि हम किसी अन्य जरूरी संसदीय कार्य में व्यस्त थे और इसकी जानकारी उपराष्ट्रपति कार्यालय को दे दी गई थी।

यह भी पढ़ें : बीजेपी के शीर्ष नेताओं से नाराजगी या महाभियोग के प्रस्ताव पर जल्दबाजी, क्या है जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की इनसाइड स्टोरी?

सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ महीनों से उपराष्ट्रपति धनखड़ के रवैये से सरकार असहज थी। जजों और न्यायपालिका पर की गई कई टिप्पणियों को गैर-जरूरी और अति-आक्रामक माना गया। विपक्ष के प्रति अचानक ‘नरमी’ और उनके सुझावों को महत्व देने की प्रवृत्ति से भी असहज स्थिति पैदा हुई थी। कहा जा रहा है कि सदन की कार्यवाही में चेयर की भूमिका निभाते हुए धनखड़ की अतिसक्रियता और बिना सलाह के फैसले लेना, ये सब सरकार को खटकने लगे थे।

First published on: Jul 22, 2025 05:37 PM

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