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ISRO को मिली बड़ी सफलता, दूसरी बार स्पैडेक्स उपग्रहों को अंतरिक्ष में किया डॉक

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दूसरी बार स्पैडेक्स उपग्रहों की डॉकिंग में सफलता प्राप्त की है। स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) इसरो का एक महत्वाकांक्षी मिशन है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में दो उपग्रहों के बीच डॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करना है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत को चौथा देश बन गया है, जिसने स्वदेशी तकनीक से अंतरिक्ष में डॉकिंग में सफलता हासिल की है ।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 22, 2025 11:14
ISRO successfully docked SpaDeX satellites
इसरो ने स्पैडेक्स उपग्रहों को सफलतापूर्वक डॉक किया।

भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने स्पेस में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसरो ने अपने स्पैडेक्स मिशन के तहत रविवार रात दूसरी बार सैटेलाइट्स की डॉकिंग कराने में सफलता हासिल की। दरअसल, अंतरिक्ष में उपग्रहों को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया को डॉकिंग और अलग करने की प्रक्रिया को अनडॉकिंग कहते हैं। परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि इसरो ने अपने स्पैडेक्स मिशन के तहत उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक की है। उन्होंने कहा कि अगले दो सप्ताह में और अधिक प्रयोग किये जाने की योजना है।

क्या कहा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने?

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उपग्रहों की दूसरी डॉकिंग सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। जैसा कि पहले बताया गया था कि पीएसएलवी-सी60 स्पैडेक्स मिशन 30 दिसंबर 2024 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसके बाद उपग्रहों को पहली बार 16 जनवरी 2025 को सुबह 06:20 बजे सफलतापूर्वक डॉक किया गया। इसे 13 मार्च 2025 को सुबह 09:20 बजे सफलतापूर्वक अनडॉक किया गया। अगले दो हफ्तों में आगे के प्रयोगों की योजना बनाई गई है।

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पहले प्रयास में मिली सफलता

स्पैडेक्स उपग्रहों की डॉकिंग और अनडॉकिंग 45 डिग्री झुकाव के साथ 460 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में सफलतापूर्वक की गई। यह पूरी प्रक्रिया एक ही प्रयास में पूरी की गई, जो अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी में इसरो की सटीकता और विशेषज्ञता को दर्शाता है। इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने मीडिया से कहा कि ‘यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और अब आगे की गतिविधियों की योजना बनाई जा रही है। डॉकिंग ऑपरेशन को सफल बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने इसे ऐसे अंजाम दिया जैसे यह बच्चों का खेल हो।’

इसरो ने दी ये जानकारी

वहीं, इसरो ने अपने बयान में कहा कि स्पैडेक्स उपग्रहों (एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02) का डॉकिंग प्रयोग दूसरी बार 20 अप्रैल को रात 08.20 बजे सफलतापूर्वक किया गया। बयान में आगे कहा गया, ‘डॉकिंग के बाद एसडीएक्स-02 से एसडीएक्स-01 उपग्रह और इसके विपरीत भी पावर ट्रांसफर का अभ्यास किया गया, जो 21 अप्रैल को पूरा हो गया। इस प्रयोग में एक उपग्रह में हीटर एलिमेंट को दूसरे उपग्रह से प्राप्त पावर के माध्यम से संचालित किया गया।’ अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पावर ट्रांसफर की अवधि लगभग चार मिनट थी और उपग्रहों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप था।

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स्पैडेक्स मिशन का मकसद

स्पैडेक्स मिशन पिछले साल 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था, जब इसरो ने अंतरिक्ष में डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करने के लिए दो उपग्रहों- एसडीएक्स 01 और एसडीएक्स 02 को
ऑर्बिट में स्थापित किया था। स्पैडेक्स में महारत हासिल करना भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे कि अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री को भेजना, चंद्रमा से नमूने वापस लाना और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और संचालन करना शामिल है।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Apr 22, 2025 11:13 AM

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