नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एडवांस नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किए गए जीएसएलवी-एफ12 (GSLV-F12) रॉकेट पर एनवीएस-1 (NVS-1) सैटेलाइट को लगाया गया है। दो हजार किलो से ज्यादा वजनी स्पेसक्राफ्ट NVS-1 भारत की नेविगेशनल और निगरानी करने की क्षमताओं को बढ़ा देगा।
सैटेलाइट को 10.42 बजे लॉन्च किया गया। हालांकि इसरो के वैज्ञानिकों ने रविवार को 7.12 बजे काउंटडाउन शुरू की थी। यह नेविगेशन सैटेलाइट सीरीजी का सेकेंड जेनरेशन रीजनल सैटेलाइट है। नेविगेशन सिस्टम के साथ इलकी मदद से सीमाओं की निगरानी में भी मदद मिलेगी।
ISRO succesfully launches advanced navigation satellite NVS-01
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— ANI Digital (@ani_digital) May 29, 2023
इसरो ने कहा कि उड़ान के लगभग 20 मिनट बाद 251 किलोमीटर की ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में सैटेलाइट को तैनात किया किया जाएगा। एनवीएस-01 के नेविगेशन पेलोड्स में एल1, एल5 और एस बैंड शामिल हैं, जिसमें पिछले अन्य सैटेलाइट्स की तुलना में स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी भी लगाई गई है। पहले भारत को इंपोर्टेड रुबिडियम परमाणु घड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता था, जो सटीक रूप से तारीख और समय बताता है।
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इस नेविगेशन सेटेलाइट (NAVIC) को इसरो ने विकसित किया और बनाया है। ये सामान्य लोगों से लेकर सैन्य बलों के लिए मददगार होगा। इस सिस्टम को भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ रही मांगों को देखते हुए बेहतर नेविगेशन, समय और स्थिति निर्धारण में मदद करेगा. इस सैटेलाइट के जरिये भारत और आसपास का करीब 1500 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में आ जाएगा।
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