भारतीय नौसेना की ताकत में पहले आईएनएस विक्रांत, आईएनएस सुमेधा, आईएनएस वाघशीर, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस सूरत ने इजाफा तो किया ही है, अब एक और ताकतवर आईएनएस तमाल बहुत जल्द भारतीय नौसेना की आन-बान और शान बढ़ाने के लिए तैयार है। नौसेना में मौजूद तमाम आईएनएस जहाज मिसाइल शक्ति से लैस रहते हैं, लेकिन न्यूज 24 को मिली जानकारी के मुताबिक आईएनएस तमाल एक रणनीतिक जहाज होगा।
यह भारतीय नौसेना के लिए केवल एक वॉरशिप नहीं, बल्कि अपनी रणनीतिक क्षमताओं के कारण यह युद्ध के दौरान पूरी तरह से गेमचेंजर साबित हो सकता है। आपको बता दें कि आईएनएस तमाल को रूस में निर्मित स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट की देखरेख में तैयार किया गया है, जो परीक्षण में पूरी तरह सफल रहा है। इसे अगले महीने, यानी जून 2025 में भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
क्या है INS तमाल की खासियत?
नौसेना के कप्तान विवेक मधवाल ने न्यूज 24 से जानकारी साझा करते हुए बताया कि तमाल ने अपने सभी तरह के ट्रायल यानी समुद्र में युद्ध के दौरान किस तरह से दुश्मन के जहाज पर हमला करना है, किस तरह से रणनीति बनाकर पूरे युद्ध की दिशा और दशा को बदलने में पूरी तरह सफलता हासिल की है। अब इसे जून 2025 के अंतिम सप्ताह में नौसेना के बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में रूसी डॉकयार्ड में कमिशन किया जाएगा।
इस वॉरशिप की डिलीवरी के साथ ही भारत अपने चौदहवें फ्रिगेट में प्रवेश करेगा, जिससे नौसेना की मारक और निगरानी क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। आपको बता दें कि आईएनएस तमाल सिर्फ एक फाइटर जहाज नहीं, बल्कि एक फुल-स्पेक्ट्रम कॉम्बैट प्लेटफॉर्म है। इसकी गति लगभग 55 किमी/घंटा है।
आईएनएस तमाल में कौन-कौन से मिसाइल और हथियार रहेंगे?
- एंटी-शिप ब्रह्मोस मिसाइल
- एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो
- मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर की तैनाती की सुविधा
यह स्टेल्थ तकनीक से लैस है, जिसका अर्थ है कि लाख कोशिशों के बावजूद यह दुश्मन की रडार पर नहीं आ पाएगा। इसका वजन लगभग 3,900 टन बताया गया है। आपको यह भी बता दें कि लगभग 200 लोगों की टीम ने मिलकर आईएनएस तमाल को बनाया है।
आईएनएस तमाल के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद, अब नौसेना की विदेश से वॉरशिप खरीदने की ज़रूरत पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
अब सभी युद्धपोत स्वदेशी निर्माण के तहत ही होंगे तैयार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आईएनएस तमाल के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद भविष्य में सभी युद्धपोत स्वदेशी निर्माण के तहत ही तैयार किए जाएंगे। वर्ष 2016 में भारत और रूस के बीच 4 तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट बनाने के लिए समझौता हुआ था, जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने थे। रूस में बना ‘तुशील’ पिछले वर्ष ही नौसेना में शामिल किया गया है, और अब ‘तमाल’ भी नौसेना को मिलने वाला है।
भारतीय नौसेना पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अब भविष्य में कोई और वॉरशिप विदेश से नहीं खरीदा जाएगा। इसलिए ‘तमाल’ नेवी का आखिरी इंपोर्टेड वॉरशिप होगा।