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पाकिस्तान के चिथड़े उड़ाने का पूरा प्लान रेडी! INS विक्रांत के बाद भारतीय नौसेना उतारने वाली है INS सुनयना

भारत की समुद्री ताकत एक नई ऊंचाई पर पहुंच रही है। भारतीय नवसेना अब INS विक्रांत की सफलता के बाद अब INS सुनयना को अरब सागर में उतारने जा रही है। आइए जानते हैं।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 9, 2025 01:33
INS Sunayna Deployment in Arabian Sea
INS Sunayna Deployment in Arabian Sea

भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत के सफल तैनाती के बाद अब अरब सागर में INS सुनयना को उतारने वाली है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत की सेनाएं लगातार अपना शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। इसी कड़ी में नौसेना ने कई एंटी-शिप मिसाइल परीक्षण किए हैं। ये परीक्षण लंबी दूरी की सटीक आक्रामक क्षमताओं को दर्शाते हैं। नौसेना का कहना है कि वह किसी भी समय, कहीं भी युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है।

INS सुनयना की खासियत और आधुनिक समुद्री क्षमताएं

INS सुनयना भारतीय नौसेना का दूसरा सॉरयू क्लास का ऑफशोर पेट्रोल जहाज है, जिसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से तैयार किया गया है। यह जहाज बेड़े को समर्थन देने, समुद्री निगरानी, तटवर्ती और अपतटीय गश्त, समुद्री संचार लाइनों की सुरक्षा और एस्कॉर्ट ड्यूटी जैसे कार्यों में सक्षम है। इसमें आधुनिक नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम लगे हैं। इसकी खासियत यह है कि यह 25 नॉट्स से अधिक की रफ्तार प्राप्त कर सकता है और एक हेलीकॉप्टर को भी अपने साथ ले जा सकता है।

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IOS सागर मिशन की सफलता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

हाल ही में INS सुनयना ने ‘IOS सागर’ मिशन के तहत एक महीने की लंबी समुद्री यात्रा पूरी की और कोच्चि लौट आया। इस मिशन के दौरान जहाज ने तंजानिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस, सेशेल्स और मालदीव जैसे देशों के बंदरगाहों का दौरा किया और वहां की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास किए। यह अभियान ‘एक महासागर, एक मिशन’ की सोच पर आधारित था और भारत की समुद्री पड़ोसी देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

एक महासागर, एक मिशन की सोच

IOS सागर मिशन भारतीय नौसेना की क्षेत्रीय सुरक्षा में भागीदारी और मित्र देशों के साथ प्रशिक्षण व सहयोग की भावना को दर्शाता है। इस मिशन में नौ अन्य देशों कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के 44 नाविकों ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम किया। यह पहल प्रधानमंत्री के “सागर” (Security and Growth for All in the Region) विजन और “महासागर” रणनीति को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह अभियान भारत की समुद्री भूमिका को “प्रथम उत्तरदाता” और “विश्वसनीय सुरक्षा भागीदार” के रूप में मजबूत करता है।

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Ashutosh Ojha

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Ashutosh Ojha

First published on: May 08, 2025 08:51 PM

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