Indira Gandhi Peace Prize 2023 Announcement: साल 2023 के इंदिरा गांधी शांति पुरस्कारों की घोषणा हो गई है। म्यूजिशियन डेनियल बरेनबोइम और शांति कार्यकर्ता अली अबू अव्वाद को पुरस्कार मिलेगा। दोनों को संयुक्त रूप से शांति और विकास के लिए साल 2023 के इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। पुरस्कार के लिए नामों की घोषणा एक इंटरनलेशनल ज्यूरी द्वारा किया गया। इस ज्यूरी की अध्यक्षता देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीन TS ठाकुर ने की।
इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर हर साल पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस बार का पुरस्कार 2 हस्तियों को संयुक्त रूप से दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों को पुरस्कार दिया जा रहा क्योंकि उन्होंने अपनी संगीत कला और शांति संवाद के जरिए इजरायल-हमास युद्ध के दौरान शांति और सद्भावना बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। सामाजिक और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने का काम किया। दोनों को सम्मान देने का ऐलान युद्ध के बीच हुआ।
Indira Gandhi Prize for Peace, Disarmament and Development awarded to Daniel Barenboim, an Argentinian pianist and Ali Abu Awwad, a Palestinian-Israeli peace activist. #IsraelPalestineWar in mind. pic.twitter.com/PZLzInHAHa
---विज्ञापन---— Abhinandan Mishra (@mishra_abhi) December 14, 2023
कौन हैं डेनियल बरेनबोइम?
डेनियल का जन्म अर्जेंटीना में हुआ। वह मशहूर पियानो वादक हैं। उनका बैंड और उनका म्यूजिक दुनियाभर में विख्यात है। उन्होंने पश्चिम एशिया में भी अपने म्यूजिक के जरिए शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने की कोशिशें की। वे 1992 से जनवरी 2023 तक बर्लिन स्टेट ओपेरा के म्यूजिक डायरेक्टर रह चुके हैं। वे कई पुरस्कार जीत चुके हैं। उन्हें जर्मनी का ग्रेट क्रॉस ऑफ मेरिट, स्पेन का प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड मिल चुका है। फ्रांस का कमांडर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर भी उन्हें मिला।
कौन हैं अली अबु अव्वाद?
1972 में अली अबु अव्वाद फिलिस्तीनी शांति कार्यकर्ता हैं। वे इजरायल-हमास युद्ध के बीच शांति प्रयासों के लिए फिलिस्तीन और इजरायल के लोगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वे एक शरणार्थी के परिवार में जन्मे और पले-बढ़े, इसलिए वे युद्ध के दौरान विस्थापित होने वालों का दर्द समझते हैं। वे 3 साल तक जेल में रह चुके है। उन्होंने अपनी मां से मिलने के लिए 17 दिन भूख हड़ताल भी की थी, जिसके चलते उन्हें मां से मिलने की परमिशन मिली। अबु गांधी जी के सिद्धांतों और अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं। उनका मानना है कि शांतिपूर्ण तरीके से अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही स्वतंत्रता हासिल की जा सकती है।